नई दिल्ली,
गोल्ड खरीदने में भारतीय महिलाओं की काफी रुचि होती है। भारतीय समाज में प्राचीन परंपरा है कि सोना विश्वास वाले सुनार से ही खरीदा जाता है। अकसर सोने में मिलावट की नहीं करवाई जाती। सुनार के विश्वास पर ही सोने की खरीददारी होती रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खासतौर से त्योहारी सीजन में बहुत से ज्वेलर्स आमजन से ठगी करते हैं। हालांकि अब केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐसी पहल की है जिसके बाद खरे सोने की खरीदारी आसान हो जाएगी।
दरअसल, केंद्र की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सोने के आभूषणों के लिए BIS हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब यह हुआ कि अब सोने के हर आभूषण पर BIS हॉलमार्क जरूरी होगा। ऐसे में आप जब भी आभूषण की खरीदारी करेंगे तो BIS हॉलमार्क नजर आएगा।
अब आपको मिलेगा खरा सोना, मोदी सरकार ने की ये बड़ी पहल बता दें कि गोल्ड हॉलमार्क शुद्धता का प्रमाण है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक आधार पर लागू किया गया है। हालांकि नए नियम के लागू होने में 2 से 3 महीने का वक्त लग सकता है। इसे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सूचित करने के बाद ही लागू किया जा सकता है।
यहां बता दें कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), हॉलमार्क के लिए प्रशासनिक प्राधिकार है। इसने तीन ग्रेड – 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क के लिए मानक तय किए हैं। मौजूदा वक्त में देश भर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं और केवल 40 फीसदी आभूषणों की हॉलमार्किग की जाती है। वहीं भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, जो हर साल लगभग 700-800 टन सोने का आयात करता है। बहरहाल, सरकार के इस फैसले के लागू होने के बाद आम लोगों सोने की खरीदारी के दौरान ठगी के शिकार होने से बच सकेंगे।