हिसार

पशुओं में होने वाली कुछ बीमारियां अत्यधिक मृत्यदर का कारण : कक्कड़

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लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आज आई.सी.ए.आर. के सेंटर ऑफ एडवांस फैकल्टी ट्रेनिंग के 33वें कोर्स का समापन पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. दिवाकर प्रकाश शर्मा द्वारा किया गया। इस कोर्स का विषय माइक्रोबायोलॉजिकल ‘टेक्निक्स फॉर डायग्नोसिस ऑफ इमरजिंग एंड री-इमरजिंग डिजीज ऑफ वेटरनरी इम्पोर्टेंस’ है। इस कोर्स में भारत के 10 राज्यों से 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस 21 दिनों के कोर्स में विभिन्न वैज्ञानिकों ने लगभग 40 व्याख्यान दिए तथा प्रैक्टिकल भी करवाए।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. दिवाकर प्रकाश शर्मा ने कोर्स निदेशक एवं कोर्स संयोजक को कोर्स के सफल आयोजन की बधाई दी तथा बताया कि इस कोर्स से प्रतिभागियों को पशुचिकित्सा के क्षेत्र में नये, सस्ते तथा उत्तम निदान विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे पशुओं का खतरनाक बिमारियों से बचाव एवं उचित उपचार हो सकेगा।
विभागाध्यक्ष एवं कोर्स संयोजक डॉ. नरेश कक्कड़ ने बताया कि पशुओं में होने वाली कुछ बीमारियां अत्यधिक मृत्यदर का कारण बनती है। अत: यह आवश्यक है कि पशुओं में इन बिमारियों के निदान एवं बचाव के लिए नवीन तकनीकों के प्रयोग द्वारा आधुनिक व उत्तम तरीके विकसित किये जाऐं।
कार्यक्रम के अंत में कोर्स संयोजक डॉ. महावीर सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया तथा सभी प्रतिभागियों, वैज्ञानिकों तथा सम्बन्धित लोगों का धन्यवाद किया। इस दौरान कोर्स संयोजक डॉ. अखिल गुप्ता, डॉ. अंशुल लाठर तथा प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. अजित सिंह, डॉ. अर्चना शर्मा, डॉ. जगवीर रावत, डॉ. स्वाति दहिया, डॉ. प्रवीन कुमार, डॉ. संजीवना, डॉ. अनिता व अन्य वैज्ञानिक भी उपस्थित रहे।

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