हिसार

नववर्ष पर नए संकल्प लेकर आगे बढ़े : भगत संजीव कुमार

बाबा बालकनाथ मंदिर में विशाल चौकी का आयोजन, बाबा बालकनाथ मंदिर में भगत संजीव कुमार ने श्रद्धालुओं को दिए प्रवचन

हिसार
तरसेम नगर स्थित सिद्ध बाबा बालकनाथ एवं दुर्गा माता मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नववर्ष पर विशाल चौकी लगाई गई। इस अवसर पर सत्संग व भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर सेवक रामचरण गुप्ता ने बताया कि मंदिर प्रांगण में भगत संजीव कुमार लुधियाना वाले ने श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए। बाद में बाबा जी का अटूट भंडारा लगाया गया। श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए भगत संजीव कुमार ने कहा कि हमें नववर्ष पर नया संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें नववर्ष पर ऐसे संकल्प लेने चाहिए जिससे की हम अपनी जिंदगी रूपी नैया को सच्चाई के मार्ग पर लेकर चले। उन्होंने कहा कि हमें प्रभु की भक्ति में लगाने का भी कुछ समय जरूर निकालना चाहिए। भगत संजीव कुमार ने कहा कि हमें कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अंहकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु अवश्य बनाना चाहिए। गुरु ही ऐसे हैं जो हमारी जीवन रूपी नैया को पार लगा सकता है। गुरु के बिना हमारा जीवन अधूरा है। जीवन के दौरान मनुष्य के सामने आने वाली दिक्कतों को गुरु के स्मिरण मात्र से ही दूर किया जा सकता है। गुरु हमारे लिए एक मार्गदर्शक के रूप में होते हैं जो हमें सही दिशा दिखाते। जिसके पास गुरु का आशीर्वाद होता है, वह जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता। भगत संजीव कुमार ने कहा कि जैसे मधुमक्खी शहद इक_ा करती ही रह जाती है लेकिन अंत में कोई शिकारी ही उस शहद को लूट जाता है। उसी तरह मानव को भी धन संचय न करके अपनी कमाई को परमार्थ कार्य में लगाना चाहिए अन्यथा धन का दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा कि हमें दान-पुण्य के अलावा जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए। भगत संजीव कुमार ने कहा कि हमें जीवों को यातनाएं देने की बजाय उन्हें प्यार करना चाहिए। जीव भी हमारी प्रकृति का अहम् हिस्सा है। जीव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मानव जाति के लिए फायदेमंद होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। बुजुर्गों के अनुभवों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। माता-पिता को कभी वृद्धावस्था में बोझ न समझें। बाबा जी के भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। सत्संग में हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश से भी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रात्रि को भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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