ऑनलाइन दर्ज किया गया ब्यौरा प्रदेश सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी पहुंच सकेगा
फतेहाबाद, साहिल रूखाया।
इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा मरीजों का ब्यौरा दर्ज किया जाएगा। जिले में फैल रही बिमारियों के बारे में अब हेल्थ अधिकारी, प्रदेश सरकार व केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग को हर रोज डाटा भेजा जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा आशा व एएनएम वर्करों को टेबलेट उपलब्ध करवाए जाएंगे।
उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता ने बताया कि इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफॉर्म पोर्टल का शुभारंभ जल्द ही किया जाएगा, जिसके लिए पिछले दिनों पंचकुला में प्रत्येक जिले के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले अधिकारी अपने-अपने जिलों में कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और पोर्टल शुरू होने के बाद कर्मचारियों द्वारा किसी भी हाल में मरीजों का फर्जी ब्यौरा तैयार नहीं किया जा सकेगा। आईडीएसपी के तहत प्रथम फेस में पिछले साल नवम्बर माह में देश के सात राज्य कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, यूपी, तेलांगना एवं केरल हेल्थ एंड फैमली वेल्फेयर विभाग नई दिल्ली की सचिव प्रीति सुदान आईएचआईपी को लॉन्च कर चुकी है। अब हरियाणा में शुरू हुई है। इससे पहले पूरे प्रदेश में आशा व एएनएम वर्कर समेत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा अभी तक मरीजों का ब्यौरा मैनवली तैयार किया जाता था। कई बार कर्मचारियों की ओर से दफ्तर में या किसी एक स्थान पर बैठकर मरीजों का डाटा तैयार कर दिया जाता था, जिसके कारण सरकार के पास वास्तविक डाटा नहीं पहुंच पाता था।
जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ विष्णु मित्तल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आईएचआईपी प्रोगाम को सिरे चढ़ाने के लिए आईडीएसपी की तरफ से जिला सिविल हस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर फॉर्म एस, पी, एल भरने वाले सभी एलटी, एमओ, फार्मसिस्ट, एएनएम, एमपीएचडब्ल्यू, इन्फोर्मेशन असीसटेन्ट की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब विभाग को डिजिटलाइज्ड करने की ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार ने ब्यौरा को पेपरलैस करने के निर्देश दिए है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों ने इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म (आईएचआईपी) तैयार किया है। तैयार किए गए पोर्टल पर आशा व आंगनवाड़ी वर्कर समेत अन्य कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर मौके से ही मरीज का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। ऑनलाइन दर्ज किया गया ब्यौरा प्रदेश सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी पहुंच सकेगा। कर्मचारियों को टेबलेट दिए जाने के बाद डाटा तैयार करने के लिए फिल्ड में जाने की ऑनलाइन मैपिंग भी होगी। यदि कोई भी कर्मचारी फर्जीवाड़ा कर ब्यौरा दर्ज करेगा या घर बैठे ही कार्य करेगा तो अधिकारियों को उसकी भी पूर्व सूचना मिल सकेगी।