हिसार

फसल अवशेष-से-धन अर्जित करने के लिए हकृवि ने बढ़ाया एक और कदम

हिसार,
किसान समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बढ़ाने के साथ-साथ इको फ्रेंडली वातावरण बनाए रखने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार ने फिनिश कंपनी फोर्टम के साथ एक लेटर ऑफ इंडेंट (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए, जिसका एलयूटी विश्वविद्यालय, फिनलैंड के साथ सहयोग है। एलओआई पर फिनिश कंपनी फोर्टम इंडिया प्राईवेट लिमिटेड और एलयूटी विश्वविद्यालय, फिनलैंड के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने बताया कि यह परियोजना जीरो वेस्ट कोन्सप्ट पर केंद्रित है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने, किसानों को प्रोत्साहित करने, प्राकृतिक संसाधनों की बचत, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ पर्यावरण प्रदूषण की समस्याओं को हल करने में मदद करेगी। यह परियोजना फसल अवशेष प्रबंधन और इसके मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए कीफायती व पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों की पहचान करने में सहायक होगी। यह वैश्विक स्तर पर बाजार के उत्पादों में फसल अवशेष का उपयोग करके व्यवसाय के अवसर पैदा करने के लिए भी उपयोगी होगा, जिससे राज्य में किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा।
ज्ञात रहे कि फसल अवशेषों को जलाने के लिए पिछले एक दशक में वैज्ञानिकों और कृषिविदों द्वारा वैकल्पिक उपाय सुझाए गए हैं, लेकिन किसानों में जागरूकता और सामाजिक चेतना की कमी के कारण इन उपायों को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका। इस संदर्भ में, फसल अवशेषों के उपयोग के लिए लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और लोकप्रिय बनाने की अति आवश्यकता है।
इस एलओआई के माध्यम से, हम कृषि पर जलवायु और प्रदूषण के प्रभावों पर मौजूदा शोध के सामंजस्य का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रकार हमारा ध्यान अवशेष-से-धन अर्जित करने की धारणा पर है, जो पर्यावरण-अनुकूल और व्यवहार्य उत्पादों को विकसित करके वर्तमान पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए फसल अवशेषों को कुशल, पर्यावरण के अनुकूल ऐसे उत्पाद जो बायोगैस, बायोएथेनॉल, फाइबर, लुगदी और कागज बनाने, जैव-तेल, बायोचार, पशु फ़ीड, खाद, मशरूम उत्पादन, जैव सक्रिय यौगिकों, ब्रिकेटिंग पैलटस, सक्रिय कार्बन बनाने में हमारी मदद कर सकता है। । इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल अवशेष जलाने से रोकना और पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखना है।
इस अवसर पर एलयूटी विश्वविद्यालय, फिनलैंड के सुश्री अन्ना हैरी, फोर्टिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख बायो2एक्स, श्री फैज़ुर रहमान, और वशिष्ठ, प्रधान प्रबंधक- बायो2एक्स, श्री सिद्धार्थ, एवं विश्वविद्यालय से प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, डॉ. कमला मलिक, और प्रोजेक्ट के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर्स, डॉ. यादविका, डॉ. सुशील अहलावत, व डॉ. विनोद कुमार उपस्थित थे।

Related posts

द्वारकाधीश धाम परिवारिक बस यात्रा 22 को, खाना—पीना फ्री, ठहराव होगा वातानुकूलित कमरों में

Jeewan Aadhar Editor Desk

लगातार धरने से बौखलाए निगम अधिकारी : महला

हिंदी भाषा में रोजगार की अपार संभावनाएं : शुक्ल