अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आपदा प्रबंधन, फायर फाइटिंग व प्राथमिक सहायता पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
हिसार,
सिलेंडर में आग लगने पर कभी भी घबराना नहीं चाहिए। आग लगने की स्थिति में यदि धैर्य और सहनशीलता अपनाई जाए तो बड़े हादसों पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। यह बात फायर ऑफिसर महाबीर सिंह ने आज जिला सभागार में आपदा प्रबंधन, फायर फाइटिंग व प्राथमिक सहायता के प्रशिक्षण शिविर में अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रेनिंग देते हुए कही। प्रशिक्षण के उपरांत अधिकारियों-कर्मचारियों को अग्रिशमन यंत्र का प्रयोग करने के संबंध में लाइव डैमो करके दिखाया गया। इस दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों को अग्रिशमन यंत्र के प्रकार, कहां प्रयोग करना है और यंत्र में गैस आदि की उपलब्धता की जांच करने के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में सीटीएम अश्वीर सिंह, डीआरओ राजबीर सिंह धीमान, डीडीपीओ सूरजभान, डीआईओ एमपी कुलश्रेष्ठï व आपदा प्रबंधन के जिला समन्वयक वीरेंद्र साहू सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए फायर ऑफिसर ने कहा कि भारत देश में हर वर्ष लगभग 20 हजार से अधिक अग्रिकांड होते हैं लेकिन जानकारी के अभाव में जनसाधारण इन पर नियंत्रण करने में सफल नहीं हो पाता है। इस कारण आगजनी से बड़ा नुकसान हो जाता है। कई बार दहशत के कारण आग के मुकाबले अधिक नुकसान हो जाता है। आग हमारी दोस्त भी है और दुश्मन भी। यदि हम आगजनी पर नियंत्रण करने के तरीकों से वाकिफ हैं तो बड़े से बड़े हादसों पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एलपीजी सिलेंडर में आग लगने पर कभी भी घबराना नहीं चाहिए। आग लगने पर सिलेंडर कभी भी एकदम से नहीं फटता है। यदि सिलेंडर में लगी आग पर एक तरीके से कोशिश की जाए तो अंगूठे की मदद से भी आग को नियंत्रित किया जा सकता है। कोशिश करें कि घर पर कभी भी सिलेंडर के पास फ्रिज न रखा जाए क्योंकि फ्रिज में अमोनिया गैस होती है और यदि सिलेंडर में आग लग जाए तो अमोनिया गैस के साथ मिक्स होकर बड़ा विस्फोट हो सकता है। प्रतिदिन रात को सिलेंडर व गैस चूल्हे को बंद जरूर करें। टेलीविजन आदि को स्विच ऑफ करके ही सोएं क्योंकि टेलीविजन ऑन छोडऩे पर रात को कम-ज्यादा बिजली आने पर शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है। उन्होंने बताया कि आगजनी के दौरान यदि धुएं में फंस गए हैं तो भागें नहीं, बल्कि जमीन पर रेंगते हुए निकलें और लिफ्ट की बजाय सीढिय़ों का प्रयोग करें।
जिला रेडक्रॉस सोसायटी के प्रशिक्षण अधिकारी सुरेंद्र श्योराण ने प्राथमिक सहायता के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि आपदा के समय फस्र्ट एड की अहम भूमिका होती है। उन्होंने आपदा के समय बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा के समय पहला ध्येय जीवन की रक्षा करना होता है और इसी को ध्यान में रखकर बचाव अभियान चलाया जाना चाहिए।