भट्टू, (साहिल रूखाया)
रोग होने के बाद ईलाज कराना मजबूरी हो जाता है, लेकिन रोग न हो इसके लिए सावधानी जरूरी है। बीमारी को पैर पसारने न दिए जाएं तथा बचाव के अधिक से अधिक उपाय करें।
यह बात पंतजलि योगपीठ हरिद्वार के योगाचार्य डॉ मदन गोपाल आर्य ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शैखुपुर दड़ौली के प्रांगण में विद्यार्थियों को संक्रमक बीमारियों के फैलने व बचाव के उपाय बताते हुए तथा एल्वेंडाजॉल की गोली खिलाते हुए कही। उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े एक विश्वव्यापी जन स्वास्थ्य समस्या है। कृमि संक्रमण से जहां एक ओर बच्चों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है वहीं दूसरी ओर उनके पोषण एवं हीमोग्लोबिन स्तर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है, जिस कारण कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, बेचैनी, पेट दर्द, उल्टी, दस्त एवं वजन में कमी देखी जाती है। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों अथवा युवाओं को तीव्र संक्रमण होता है, ऐसे बच्चों को एल्बेंडाजॉल की खुराक खिलाने के बाद पेट में दर्द अथवा उल्टी की शिकायत हो सकती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ देर में पेट दर्द व उल्टी की शिकायत बंद हो जाती है।
इस अवसर पर प्राचार्य सुभाषचन्द्र भाम्भू, प्रवक्ता श्रवण सिहाग, सज्जन खत्री, औम प्रकाश, पूर्णमल, सुरेन्द्र सिंह, सुनील, सुभाष चन्द्र, अशोक कुमार, रमेश कुमार राठौर, सोनिया रानी, भतेरी देवी, सोनू रानी, कृष्ण कुमार भदरेचा, रविकरण, कालू राम, श्रवण कुमार छिम्पा, वकील कुमार, सन्टी कुमार, कृष्ण कुमार हुड्डा, गुड्डी देवी सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।