हिसार

दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम भाजपा-जजपा सरकार के लिए सबक : किरमारा

हिसार।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम न केवल केंद्र सरकार अपितु हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के लिए भी एक सबक है। यह बात आज हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने एक बयान जारी कर कही। बयान में उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने इन चुनावों से राजनीतिक दलों को यह साफ संदेश दे दिया है कि अब उनके लिए बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं सबसे बड़ा मुद्दा है और जो दल जनता के इन मुद्दों को आगे रखकर राजनीति करेगा, जनता चुनाव में उसी का साथ देगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने जिस प्रकार से आम जनता की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े विभागों का निजीकरण करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है, उसको लेकर प्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनावों में भाजपा व अन्य दलों को सचेत करने का काम कर दिया था और अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता ने इसको लेकर साफ संदेश दे दिया है।
राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार को विधानसभा चुनाव परिणामों से सबक लेना चाहिए और रोडवेज सहित अन्य विभागों के निजीकरण की नीतियों को बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत व अन्य स्कीम लाकर रोडवेज का निजीकरण करना चाहती है। इसी के तहत सरकार ने अब 510 निजी बसें चलाने का निर्णय लिया है जो पूरी तरह से गलत है और जनता के हितों के खिलाफ है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि भाजपा सरकार जिस प्रकार से सरकारी विभागों को बेचने पर तुली हुई है, उससे आने वाले समय में सरकारी विभागों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा और देश एक तरह से पूंजीपतियों के हाथों में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हित में फैसले लेने की बजाय जनता के हित में फैसले ले और रोडवेज सहित अन्य विभागों का निजीकरण करने का फैसला वापस ले। उन्होंने कहा कि रोडवेज के निजीकरण के विरोध में रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर हुई 18 दिन की सफल हड़ताल से सरकार को सबक लेना चाहिए। इस हड़ताल को आम जनता ने खुलकर समर्थन दिया था। राज्य प्रधान ने कहा कि सरकारी विभागों के निजीकरण का सबसे अधिक खामियाजा युवा वर्ग को भुगतना पड़ेगा। निजीकरण के चलते युवाओं को रोजगार के लाले पड़ जाएंगे और उनको निजी क्षेत्र में आर्थिक व मानसिक शोषण का शिकार होना पड़ेगा। दलबीर किरमारा ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारी विभागों को बचाने के लिए आम जनता खास कर युवा वर्ग को कर्मचारी संगठनों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए।

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