हिसार,
वरिष्ठ साहित्यकार, छायाकार व शिक्षाविद् डॉ. ओमप्रकाश कादयान की पुस्तक ‘हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर’ के दूसरे संस्करण का विमोचन हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग, पंचकूला के मौलिक शिक्षा निदेशक प्रदीप डागर ने पंचमढ़ी (म.प्र.) में किया। प्रदीप डागर इंटरनेशनल एडवेंचर कैंप में शामिल होने व निरीक्षण हेतु पंचमढ़ी गए हुए थे जिसमें कई देशों से प्रतिभागी भी शामिल हुए। डॉ. ओमप्रकाश कादयान की पुस्तक का विमोचन करते समय निदेशक श्री डागर की पत्नी सुनीता चौधरी, कार्यक्रम अधिकारी एवं एडवेंचर कैंप हरियाणा के प्रभारी रामकुमार भी मौजूद थे। नेशनल एडवेंचर इंस्टीट्यूट पंचमढ़ी द्वारा इंटरनेशनल एडवेंचर कैंप के दौरान डॉ. कादयान की पुस्तक का विमोचन किया गया। श्रेष्ठ साहित्य लिखने के लिए निदेशक ने डॉ. ओमप्रकाश कादयान को बधाई व शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का मार्गदर्शन करता है। भटके हुओं को सही रास्ता दिखाता है। उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणवी संस्कृति की पहचान पूरे देश ही नहीं बल्कि देश से बाहर भी है। हरियाणवी संस्कृति का अपना प्रभाव व आकर्षण है जिससे हर कोई प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि हम आधुनिकता के प्रभाव में आकर अपनी मिट्टी, संस्कृति व प्रकृति से दूर हो रहे हैं जो शुभ संकेत नहीं हैं। हमें अपनी संस्कृति, अपनी भाषा से लगाव होना चाहिए। कार्यक्रम अधिकारी रामकुमार ने सफल व श्रेष्ठ जीवन के लिए साहित्य के अध्ययन को जरूरी बताया।