हिसार,
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने अवैध रूप से खनन कार्य करने वाले मामलों में अब जुर्माना राशि की नई दरें 19 फरवरी से लागू कर दी हैं। नई दरों के मुताबिक अब मशीनरी या वाहन की कीमत की 50 प्रतिशत राशि पहले मामलें में नहीं ली जाएगी। पहले के अनुसार एनजीटी अवैध खनन के मामलों में मशीनरी या वाहन की आधी कीमत को जुर्माना के तौर पर वसूल किया जाता था। एनजीटी के आदेशानुसार अवैध रूप से खनन कार्य करने अथवा खनन सामग्री को अवैध रूप से ले जाते हुए पकड़े गए वाहन के मामलों में मशीनरी या वाहन की आधी कीमत को जुर्माने के तौर पर वसूल किए जाता था। यह राशि काफी भारी- भरकम होने के कारण एनजीटी ने जुर्माना की नई दरें इस माह 19 फरवरी से लागू कर दी हैं। नई दरों के अनुसार कोई भी गाड़ी अवैध रूप से खनन सामग्री ले जाती हुई पकड़ी जाती है या कहीं नाजायज तौर पर खनन कार्य किया जा रहा है तो ऐसे मामलों में मशीनरी और गाड़ी की शोरूम कीमत एवं उसकी पुरानी होने के आधार पर जुर्माना राशि निर्धारित की जाएगी।
खनन अधिकारी राजेश सांगवान ने बताया कि एनजीटी के नियमों के मुताबिक गाड़ी या मशीनरी की शोरूम प्राइस 25 लाख रुपये से अधिक है और वह पांच साल से कम पुरानी है तो चार लाख रुपये की जुर्माना राशि वसूल की जाएगी। इसी प्रकार मशीनरी या गाड़ी की कीमत 25 लाख रुपये से अधिक है और यह पांच से दस वर्ष के बीच पुरानी हो चुकी है तो तीन लाख रुपये की राशि जुर्माने के रूप में ली जाएगी। उन्होंने बताया कि पहली बार पकड़े जाने पर 50 फीसदी जुर्माना राशि की जगह अब दूसरी बार अगर पकड़े जाते हैं तो 50 फीसदी राशि वसूली जाएगी। उन्होंने बताया कि गाड़ी को जब्त किए जाने के एक माह बाद तक नहीं छुड़वाया जाता तो उसे नीलाम कर दिया जाएगा।
खनन अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा हरियाणा खनन नियम 2012 के तहत गाड़ी मालिक को खनिज की रॉयल्टी, कीमत व जुर्माना राशि अलग से खान एवं भूविज्ञान विभाग में जमा करवानी होगी। एनजीटी ने यह स्पष्ट किया कि कोई गाड़ी या डंपर दूसरी बार अवैध रूप से पत्थर या रेती ले जाते पाया जाता है तो शोरूम कीमत की 50 प्रतिशत राशि का जुर्माना लगाया जाएगा।