हिसार

जीवन में कभी आलस्य न आने दें : भगत संजीव

बाबा बालकनाथ के झंडे की शोभा यात्रा निकाली, भगत संजीव कुमार ने श्रद्धालुओं के घरों पर की ज्योत प्रज्जवलित

हिसार,
तरसेम नगर स्थित सिद्ध बाबा बालकनाथ एवं दुर्गा माता मंदिर से बाबा बालकनाथ जी के झंडे की 51वीं शोभा यात्रा का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया। इस शोभा यात्रा में हरियाणा के अलावा, पंजाब, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यह जानकारी देते हुए मंदिर सेवक रामचरण गुप्ता ने बताया कि भगत संजीव कुमार जी (लुधियाना वाले) के नेतृत्व में निकाली गई बाबा बालकनाथ जी के झंडे की शोभा यात्रा तरसेम नगर स्थित मंदिर प्रांगण से शुरू हुई। यह शोभा शोभा यात्रा तरसेम नगर से होती हुई मिल गेट, लाहौरिया चौक, जहाज पुल, नागोरी गेट, पारिजात चौक, राजगुरु मार्केट, डोगरान मौहल्ला, शांति नगर, 12 क्वार्टर रोड सहित शहर के मुख्य क्षेत्रों से होती हुई सायं को मंदिर प्रांगण में पहुंची। श्री गुप्ता ने बताया कि भगत संजीव कुमार जी के नेतृत्व में चली शोभा यात्रा में तरसेम भजन मंडली द्वारा बाबा बालकनाथ जी के भजनों को गुणगान किया गया। इस दौरान भगत संजीव कुमार जी ने श्रद्धालुओं के घरों पर ज्योत प्रज्जवलित की। यह शोभा यात्रा सायं को मंदिर प्रांगण में पहुंची। शोभा यात्रा के मंदिर प्रांगण में पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए भगत संजीव कुमार ने कहा कि मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल है। यह बड़ी मुश्किल से मिलता है, इसलिए इस जीवन का सदपुयोग करें। उन्होंने कहा कि जीवन में आलस्य को नजदीक न आने दें। आलस्य जीवन को बर्बाद कर देता है। उन्होंने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान असंभव है, इसलिए हमें अपने जीवन में गुरू अवश्य धारण करना चाहिए और गुरुजनों का आदर करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। हमें गुरुजनों व माता-पिता का हमेशा आदर करना चाहिए क्योंकि माता-पिता ने हमे चलना सिखाया है और गुरु हमें आगे का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि पेट तो हर जीव भरता है लेकिन भगवान ने मनुष्य को हर तरह की सोचने व समझने की शक्ति दी है। इसलिए हमें प्रभु की दी हुई इस शक्ति का सही प्रयोग करते हुए ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे कि हमारे कार्य से भगवान भी खुश हो। उन्होंने कहा कि हमें कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अंहकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि हमें सत्संग के लिए कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए।सत्संग के लिए निकाले गए पल कभी व्यर्थ नहीं जाते। भगत संजीव कुमार ने श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि हमें बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा करने चाहिए। मंदिर प्रांगण में भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे।

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