उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने डीटीएफ की बैठक में कोरोना नियंत्रण के संबंध में माइक्रो प्लानिंग पर की चर्चा
उपायुक्त ने आमजन को भीड़ में जाने से बचने, बार-बार हाथ धोने और खांसी-जुकाम के मरीजों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी
हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि कोरोना रोग के संबंध में किसी भी तरह से भयभीत होने की जरूरत नहीं है, इसके लिए बेवजह दवाएं लेने की भी आवश्यकता नहीं है बल्कि थोड़ी सावधानी अपनाकर इससे आसानी से बचा जा सकता है।
उपायुक्त ने यह बात आज लघु सचिवालय स्थित जिला सभागार में आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिला में अभी तक कोरोना ग्रस्त एक भी मरीज नहीं है लेकिन फिर भी इसकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने माइक्रो प्लान तैयार किया है। इसे सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए आईएमए, केमिस्ट एसोसिएशन व सभी विभागों के आपसी सहयोग व समन्वय की जरूरत है। ऐसा करके कोरोना के संक्रमण पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना रोग के संबंध में आमजन के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। यदि आमजन यथासंभव भीड़ से बचकर रहें, बार-बार हाथ धोएं तथा खांसी-जुकाम पीडि़तों से कम से कम एक मीटर दूरी रखें तो कोरोना रोग के संक्रमण पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने कोरोना को नोटिफाइड बीमारी घोषित करते हुए इसे महामारी व आपदा माना है।
उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा बड़े स्तर पर व्यवस्था की जा रही है। मास्क व सैनेटाइजर्स आदि वस्तुओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची में शामिल किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इन्हें निर्धारित मूल्य से अधिक पर बेचता है अथवा अनाधिकृत रूप से इनका संग्रहण करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वैसे एक स्वस्थ व्यक्ति को मास्क लगाने अथवा सैनेटाइजर से हाथ धोने की जरूरत नहीं है। अनावश्यक रूप से इनका प्रयोग करने का प्रचलन भी इन वस्तुओं की बाजार में कमी के लिए जिम्मेदार होता है। उन्होंने कहा कि यदि हम 2 सप्ताह तक इसके स्थानीय संक्रमण पर नियंत्रण कर लेते हैं तो यह समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी प्रकार के ऐसे राजनीतिक, धार्मिक व अन्य आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया है जहां 200 या इससे अधिक की भीड़ एकत्र हो सकती है। उन्होंने आह्वïान किया कि आयोजकों को 50 से अधिक की भीड़ एकत्र करने से भी बचना चाहिए। कोचिंग सेंटर व लाइब्रेरी भी शिक्षण संस्थानों के अंतर्गत आते हैं इसलिए ये भी 31 मार्च तक बंद किए जाएं। प्रशासन द्वारा इसकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने चिकित्सा संस्थाओं के आसपास पुलिस सुरक्षा को बढ़ाने के निर्देश दिए और जिला राजस्व अधिकारी को आपदा प्रबंधन के तहत आवश्यक कदम उठाने को कहा। इनके अलावा उपायुक्त ने कोरोना नियंत्रण के लिए अन्य सभी विभागों की भी जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए आवश्यक कार्ययोजना व सूक्ष्म प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
फोरेंसिक मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. हरीश अग्रवाल ने बताया कि कोराना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसका पोस्टमार्टम करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे व्यक्ति के पार्थिव शरीर को दो प्लास्टिक परतों में कवर किया जाना चाहिए और परिजनों की काउंसलिंग की जानी चाहिए। अंतिम संस्कार से पहले परिजनों को उसका मुंह दिखाने के लिए केवल एक परत हटाई जाए। ऐसे व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने पर किसी प्रकार की मनाही का प्रावधान नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस, इसके संक्रमण, जागरूकता, विभिन्न विभागों की भूमिका, स्कूलों में हाथ धोने संबंधी जागरूकता पैदा करने, आइसोलेशन की स्थापना, रोडवेज बसों की स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण, नो टच टेक्निक, हेल्पलाइन नंबर 108 व 70278-30252 की मदद, हाइपोक्लोराइड व आइसो प्रोफाइल एल्कोहल के छिडक़ाव आदि पर विस्तार से जानकारी दी और सरकारी व निजी अस्पतालों, केमिस्ट एसोसिएशन व प्रत्येक विभाग के आपसी समन्वय के साथ कोरोना को जिला में प्रवेश न करने देने के संबंध में व्यापक रणनीति बनाई गई। आईएमए के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
इस अवसर पर हिसार पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया, हांसी पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह, हिसार एसडीएम डॉ. वेदप्रकाश, हांसी एसडीएम जितेंद्र सिंह, नारनौंद एसडीएम विकास यादव, बरवाला एसडीएम राजेश कुमार, सीटीएम अश्वीर सिंह, कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ. रत्ना भारती, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जया गोयल, डॉ. तरुण, डीआरओ राजबीर धीमान, डॉ. हरेंद्र, आईएमए अध्यक्ष डॉ. जेपीएस नलवा, डॉ. मनीषा, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस सिंधू तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।