सिरसा

फसल अवशेष को जलाने पर जिलाधीश ने लगाया प्रतिबंध

फसल के अवशेष जलाने पर रोक, धारा 144 लागू

सिरसा,
जिलाधीश रमेश चंद्र बिढ़ान ने दंड प्रक्रिया नियमावाली 1973 की धारा 144 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत आदेश पारित करके जिला सिरसा में तुरंत प्रभाव से रबी (गेहूं व सरसों) फसल की कटाई के बाद बचे अवशेष/भूसे को जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि जिला सिरसा की सीमा में गेहूं व सरसों फसल की कटाई के बाद बची हुई अवशेष/भूसे को जलाने से उत्पन्न धुआं आसमान में चारों ओर फैल जाता है जिससे आमजन के स्वास्थ्य के लिए घातक है। आगजनी होने पर सम्पत्ति तथा मानव जीवन को हानि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। फसल की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से पशुओं के चारे की कमी होने की संभावना रहती है। भूसे/फसल के अवशेष को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के आदेशानुसार फसल के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध हेतू निर्देश जारी किए गए हैं जिसके अंतर्गत जुर्माने का भी प्रावधान है।
जिलाधीश रमेश चंद्र बिढ़ान ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि गेहूं की पराली व उनके अवशेषों को न जलाएं। इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रक अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा।

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