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RBI ने दी बड़ी राहत, छोटे उद्योगों से लेकर बैंकों को भी होगा लाभ—जानें विस्तृत जानकारी

नई दिल्ली,
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंदी से निपटने के उपाय बताते हुए कहा कि अंधेरे के वक्त हमें उजाले की तरफ देखना है। हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं। उन्होंने कहा वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और यह 1.9 प्रतिशत रहेगी। G20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7.4 प्रतिशत से रफ्तार से बढ़ेगी।

IMD ने 2020 में अच्छे मॉनसून का अनुमान लगाया है। इससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है। अब भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है। आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है। दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय नुकसान को कम करने की कोशिश की जा रही है। कैश की कमी नहीं होने दी जाएगी। देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं। नकदी बढ़ाने के लिए GDP के 3.2 फीसदी के बराबर नकदी सप्लाई की गई है। कोरोना का असर छोटे उद्योगों पर पड़ा है। इस दौरान रिवर्स रेपो रेट को 0.25% घटाकर 3.75% किया गया, जबकि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। छोटे व मध्यम वित्तिय संस्थानों को 50 हजार करोड़ की मदद देने का ऐलान किया गया है। नाबार्ड को 25 हजार तथा सिडबी को 15 हजार करोड़ देने की घोषणा की गई है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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