‘विश्व मलेरिया दिवस थीम-जीरो मलेरिया स्टार्ट विद मी’
हिसार,
विश्व मलेरिया दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण के लिए के लिए किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक करना व उनकी जान की रक्षा करना है।
इसी के चलते आज मलेरिया दिवस के अवसर पर डिप्टी सिविल सर्जन डा. जया गोयल, डा. सुभाष, जीव वैज्ञानिक डा. रमेश पूनिया के आदेशानुसार मलेरिया को जड़ से खत्म करने का आह्वान किया गया। स्वास्थ्य कार्यकर्ता बजरंग सोनी और मनदीप राठी ने बताया कि इस बार जो थीम निर्धारित की है ‘जीरो मलेरिया स्टार्ट विद मी’ अर्थात शून्य मलेरिया की शुरुआत मुझसे। इसका उद्देश्य मलेरिया रोग मुक्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसी क्रम में आज सभी वार्डों के एमसी को स्वास्थ्य मंत्री की अपील भी दी गयी।
डा. जया गोयल ने कहा कि मलेरिया एक प्रकार के परजीवी प्लाजमोडियम से फैलने वाला रोग है, जिसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण फैलने से उसमें मलेरिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। विश्व की समस्त समस्याओं में मलेरिया एक गंभीर बीमारी व चुनौती है। विश्व में मलेरिया उन्मूलन से संबंधित चलाए गए कार्यक्रमों के बावजूद मलेरिया के केसों में कमी आई है परंतु चुनौती अभी भी बरकरार है।
मलेरिया रोग के लक्षण
अचानक ठंड लगना, बुखार आना, बदन एवं सिर में दर्द रहना, कमजोरी, भूख न लगना एवं उल्टी आना, पसीने के साथ बुखार उतरना, बुखार का हर दूसरे या तीसरे दिन आना, बार-बार आना आदि शामिल है।
मच्छरों को पनपने से रोकने के कुछ सरल उपाय
अपने घर के आसपास पानी जमा ना होने दें,क्योंकि खड़े पानी में मच्छरों को पनपने का स्थान मिलता है, प्रत्येक रविवार को ‘ड्राई डे’ मनाएं यानी कुलर, फूलदान, पशु पक्षियों के बरतनों, हौदी को अवश्य सूखाकर ही पानी भरें, पानी से भरे गड्डों को मिट्टी से भर दे या काला तेल डालें, तालाब में गंबुदियां या गप्पी मछलियां छोड़ देनी चाहिये, मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर नाशक क्रीम का प्रयोग करें तथा घर के खिडक़ी व दरवाजों पर उपयुक्त जाली का प्रयोग करें।