हिसार

कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगाना अव्यवहारिक : पातड़

हिसार,
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के पूर्व प्रधान एवं अखिल हरियाणा विश्वविद्यालय फेडरेशन के चेयरमैन जोगिन्द्र सिंह पातड़ ने केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व बकाया आदि पर वर्ष 2021 तक रोक लगाने के निर्णय की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि सभी कर्मचारी कोरोना की रोकथाम व व्यवस्था बनाने में लगे हुए है, इसी समय सरकार ने कर्मचारियों के साथ यह धोखा किया है।

एक बयान में जोगेन्द्र पातड़ ने कहा कि जब भी देश पर कोई संकट या महामारी आती है तो कर्मचारी सबसे आगे आकर समाजसेवा में जुट जाते हैं, चाहे वह डॉक्टर के रूप में हो, सुरक्षा के रूप में हो या व्यवस्था बनाए रखने में उनकी भूमिका को सभी जगह पर कर्मचारी अपना महत्वपूर्ण योगदान अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जब भी कोई आर्थिक कैंची चलानी होती है तो सबसे पहले कर्मचारी ही दिखाई देते हैं। छंटनी करनी हो, विभाग बंद करने हो, धन की कमी का रोना रोना हो, इन सब का खामियाजा सबसे पहले कर्मचारी वर्ग व उनके परिवार को झेलना पड़ता है। आज पूरे देश में 80 प्रतिशत कर्मचारी या तो मध्यम वर्ग से हैं या निम्न वर्ग से हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहे योद्धाओं को प्रोत्साहन देना चाहिए था परंतु इसके उलट उनके भतों पर ही रोक लगा दी जबकि कर्मचारियों ने सबसे पहले अपना एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने किया था। उन्होंने कर्मचारी वर्ग की ओर से सरकार से अपील की कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करके मंगाई भत्ते पर लगाई रोक हटाए।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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