लॉकडाउन के दौरान अपने खर्च पर अब तक कर चुकी है 100 से अधिक जरूरतमंदों की मदद
परिवार परामर्श केंद्र में कांउसलर के पद पर कार्यरत सुरिंद्र कौर को बचपन से ही मिले हैं सेवाभाव के संस्कार
सिरसा,
आज पूरी दुनिया कोरोना के कहर से कहरा रही है। कोई भी देश व प्रदेश इस वैश्विक बीमारी से अछूता नहीं है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से सबकुछ थम सा गया है। ऐसे में गरीब लोगों को अपनी रोजी-रोटी जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। संकट के इस दौर में सेवाभावी लोग गरीब व जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इन्हीं लोगों में से सुरिंद्र कौर भी गरीब व जरूरमंद लोगों की मदद करके सेवा भाव की मिसाल कायम कर रही है।
परिवार परामर्श केंद्र सिरसा में कांउसल के पद पर कार्यरत सुरिंद्र कौर लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी की जिम्मेवारियों के साथ-साथ जरूरमंदों की मदद करने में लगी हुई है। गरीब लोगों की सेवा करने का ऐसा जज्बा कि स्कूटी पर आवश्यक सामान लेकर निकल पड़ती हैं और रास्ते में कोई भी गरीब व जरूरत मिलता है, उसे सामान देकर आगे बढ जाती हैं। जब सामान बंट जाता है और रास्ते में कोई जरूरत मिल जाता है, तो मार्केट से ही सामान खरीद कर उन्हें देती है। इस तरह से सुरिंद्र कौर अब तक 100 से अधिक गरीब लोगों सूखा राशन देकर मदद कर चुकी है।
सुरिंद्र कौर ने बताया कि जब वे घर से निकलती हैं तो पहले से कोई तय नहीं होता कि कहां और किस जरूरमंद को सामान देना है। रास्ते में कोई भी गरीब या जरूरमतंद मिल जाए उसे ही सूख सामान दे देती हूं। उन्होंने बताया कि उन्हें गरीबों की मदद करने में बड़ा ही सकून मिलता है और ये संस्कार उन्हें बचपन से ही मिले हैं। इस काम के लिए मैं कभी कुछ नहीं सोचती और न ही किसी बात की परवाह करती। अपने स्वयं के खर्च पर गरीब लोगों की सेवा करती रहती हूं। अपने बाल भवन स्थित कार्यालय में भी कर्मचारियों की मदद करती रहती हूं। उन्होंने कहा कि आज संकट के दौर में गरीब लोगों की मदद करने से बड़ा कोई पूण्य का कार्य दूसरा हो ही नहीं सकता।
उन्होंने बताया कि वे अब तक जिन 100 से अधिक जरूरमंद लोगों की मदद की है, उनमें कूड़ा बीनने वाले, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, सड़कों पर भीख मांगने वाले आदि हैं। वह सूखा राशन में दूध का पैकेट, चावल, आटा, नमक-मिर्च, दाल आदि सामान देकर जरूरमंदों की मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट के दौर में सभी साम्र्थयवान लोगों को आगे आकर ऐसे जरूरमंद व गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए, ताकि कोई भी लॉकडाउन में भूखा न रहे।