मौजूदा महामारी के चलते किसानों को कुचलने वाला फरमान तुरंत वापिस ले सरकार
फतेहाबाद,
समाज सेविका रेखा शाक्य ने कहा है कि फतेहाबाद के रतिया इलाके में एवं अन्य इलाकों में धान की खेती पर प्रतिबंध बिना सोचे लगाना ओर वो भी ऐसे भयानक समय मे जब देश महासंकट में है मुख्यमंत्री खट्टर का यह तुगलकी ओर किसानों को कुचलने वाला फरमान है। हम सभी चाहते हैं कि जल संरक्षण प्राथमिकता होनी चाहिए किन्तु मुख्यमंत्री का संसदीय क्षेत्र जहां भूमिगत जल बहुत गहरा है क्या वहां भी प्रतिबंध लगाया है।
रेखा शाक्य ने कहा कि कोरोना महामारी में जब मजदूर, किसान, व्यापारी, छोटे दुकानदार व्यापारी, कर्मचारी आदि हर नागरिक रोजी रोटी के लिए परेशान हैं। ऐसे नाजुक समय मे बिना पूर्व चेतावनी दिये और गहरे संकट के समय ऐसा कदम निसंदेह निंदनीय है।
रेखा शाक्य ने कहा कि ऐसे भयानक समय मे किसान ही डूबती अर्थव्यवस्था को बचा सकता है और जीवन की मूलभूत वस्तु उत्पादक है और पूरे हरियाणा की अर्थव्यवस्था किसान पर टिकी है। दुकानदार मजदूर सभी का कारोबार किसान पर निर्भर है। पानी को बचाना बहुत ही महत्वपूर्ण है परंतु पानी बचाने के लिए प्रथम तो चमड़ा उद्योग बंद होने चाहिए जो सर्वाधिक पानी खराब करने के इलावा जहरीला प्रदूषण भी फैलाते हैं, जबकि पहले प्रदूषण के नाम से किसानों पर केस किये गए।
रेखा शाक्य ने कहा कि देश का पेट भरने वाले किसान के पेट पर लात मारने का ये अदूरदर्शी कदम कम से कम इस समय में तो बिल्कुल अनुचित है, सरकार को एक विशेष नीति, पैकेज एवं विकल्प प्रस्तुत किये बिना इस कदम को तुरंत वापस लेना चाहिये क्योंकि ऐसा नहीं किया तो हरियाणा की अर्थव्यवस्था जो पहले ही पतली है और खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते इस फैसले को टाल देना चाहिए क्योंकि किसान हमारी रीढ की हड्डी है, हमारे अन्नदाता है जिनके कारण हम जीवन जी पा रहे हैं।