हिसार

जिला में 22180 परिवारों को मिलेगा डिस्ट्रेस राशन टोकन का लाभ : उपायुक्त

हर माह प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं व प्रति परिवार 1 किलो चना दाल मिलेगी

हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि जिला में 22180 परिवारों को डिस्ट्रेस राशन टोकन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जिन्हें सरकार की ओर से मुफ्त राशन प्रदान किया जाएगा। इसके तहत आज से जिला के विभिन्न खंडों में जरूरतमंद परिवारों को डिस्ट्रेस राशन टोकन जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टोकन प्राप्त परिवार निर्धारित डिपु से मुफ्त राशन प्राप्त कर सकते हैं।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुए संकट में सरकार ने ऐसे जरूरतमंद प्रवासी श्रमिक परिवारों व एपीएल कार्डधारकों को ई-पीडीएस के माध्यम से मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया है जिनके पास बीपीएल राशन कार्ड भी नहीं है और आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वे राशन खरीदने में असमर्थ हैं। उन्होंने बताया कि हिसार जिला में ऐसे 22180 परिवार चिह्नित किए गए हैं जिन्हें सरकार के इस निर्णय का लाभ मिलेगा। इन परिवारों को मई व जून के लिए हर माह प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं व प्रति टोकन 1 किलोग्राम चना दाल निशुल्क प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि आज से जिला के विभिन्न खंडों में ये टोकन लाभार्थी परिवारों को वितरित करवाने का कार्य शुरू करवा दिया गया है। इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जल्द से जल्द जरूरतमंद परिवारों तक सरकार के इस फैसले का लाभ पहुंचाने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत किए गए लॉकडाउन में कोई भी परिवार भूखा न रहे, इसके लिए हरियाणा सरकार पूरी मददगार बन रही है।
डीएफएससी सुभाष सिहाग ने बताया कि उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी के आदेशानुसार जिला के सभी 22180 डिस्ट्रेस परिवारों के लिए डिपुओं की मैपिंग कर दी गई है। आज से टोकन व राशन बंटवाने का कार्य भी शुरू करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज प्रथम चरण में तीन खंडों में टोकन व राशन बंटवाने का कार्य शुरू हो चुका है। कल से अन्य खंडों में यह कार्य करते हुए अगले तीन दिन में पूरे जिला को कवर किया जाएगा।
आदमपुर के बीडीपीओ संदीप शर्मा ने आज अपने खंड के 28 गांवों के 1891 परिवारों को डिस्ट्रेस राशन टोकन बंटवाए। उन्होंने कहा कि सरकार की घोषणा के अनुरूप जरूरतमंद प्रवासी श्रमिकों की पहचान कर उनके फार्म भरवाए गए और इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। सूची के आधार पर आदमपुर के 28 गांवों के 1891 श्रमिक परिवारों के टोकन बनवाए गए हैं।

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