हिसार

नोटिफिकेशन में कई जातियों को शामिल न करने पर रोष जताया, उच्च न्यायालय में जाने का फैसला

हिसार,
वैश्विक महामारी कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए व सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करते हुए अखिल भारतीय हेड़ी/थोरी जाति के वरिष्ठ नेताओं की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई। उक्त महामारी में सबसे ज्यादा नुकसान व परेशानी विमुक्त व घुमन्तु जातियों के लोगों को होने पर चिंता व्यक्त की गई। बैठक की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय हेड़ी/नायक सभा के प्रदेशाध्यक्ष राय सिंह एडवोकेट ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने जातियों की जो श्रेणी बनाकर, गजट नोटिफिकेशन जारी किया है, उस नोटिफिकेशन में हेड़ी/थोरी व राय सिख जाति को शामिल नहीं किया गया है जिस कारण इन जातियों के लोगों में रोष व्याप्त है। ये सभी जातियां सभी दृष्टिकोण से अति पिछड़ी जातियों में से है जिनको 2016 में केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किया गया था।
राय सिंह एडवोकेट ने आगे कहा है कि उन्होंने व समाज के अन्य नेता अशोक माजरा, दलीप सिंह बेधडक़ ने सरकार को इस संदर्भ में कई पत्र भेजकर भी अवगत कराया है कि परंतु उक्त जातियों को सरकार द्वारा न तो डिप्राइवेड शैड्यूल कास्ट की कैटेगिरी में शामिल किया गया और न ही पत्रों पर किसी तरह का विचार किया गया। समाज के सभी नेताओं ने एकमत से मांग की है कि उक्त जातियों को डिप्राइवेड शैड्यूल कास्ट की कैटेगिरी में शामिल किया जाए अन्यथा उन्हें उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्य रुप से दलीप सिंह बंधडक़, गोधूराम, सुभाष सीसवाल, शामलाल अहेरिया, आत्माराम फतेहाबाद, भानीराम सिरसा, डा. राजेन्द्र रोहतक, सतबीर सिंह, अशोक पंवार एडवोकेट, जितेन्द्र आर्य, सुरेन्द्र पंवार, दलबीर आर्य, महेन्द्र सिंह, संतोष ढुल आदि ने भाग लिया।

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