हिसार

अब हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने दिया 22 तक का अल्टीमेटम

आदमपुर (अग्रवाल)
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंध सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्ज फैडरेशन ऑफ इंडिया के कोर कमेटी में लिए गए निर्णयानुसार राज्य उपमहासचिव प्रभु सिंहं व वरिष्ठ उपप्रधान जयवीर सिंह ने प्रैस को दिए संयुक्त वक्तव्य में बताया कि यदि शिक्षामंत्री ने 22 जून तक वार्ता कर मुद्दों को हल नहीं किया तो 24 जून को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ उनका पुतला फूंकने का काम करेगा। विदित है कि वर्तमान सरकार के सत्तासीन होने के बाद अनेक बार पत्राचार एवं सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से शिक्षा, शिक्षक व छात्रों को आ रही समस्याओं बारे द्विपक्षीय वार्ता की अपील की गई। अन्तत: 15 मार्च को अध्यापक संघ का एक शिष्टमंडल शिक्षा मंत्री से उनके आवास पर मिला। उन्हे विभाग की कुछ ज्वलंत समस्याओं से अवगत करवाया गया तो उन्होनें माना कि समस्याएं गंभीर हैं। अत: 24 मार्च को सचिवालय में शिक्षा विभाग के निदेशकों व प्रधान सचिव शिक्षा विभाग की उपस्थिति में इन मांग व मुद्दों पर वार्ता द्वारा हल निकालने का आश्वासन दिया। इसी बीच महामारी के फैलने कारण वह मीटिंग भी स्थगित हो गई। लॉकडाऊन के दौरान अन्य कर्मचारियों के साथ अध्यापकों ने भी लगातार कर्तव्य का निर्वहन किया है

। 10वीं व 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, राशन वितरण, स्कूल परिणाम तैयार करने, पूर्व कक्षा की पुस्तकें एकत्रित कर उत्तीर्ण छात्रों को वितरित करने, प्रवासी राहत शिविर संचालन, मंडियों में अनाज खरीद, सोशल डिस्टैंसिंग बनाए रखने के साथ-साथ 10 अप्रैल से ई-लर्निंग हेतु अभिभावकों से सम्पर्क नंबर लेकर ऑनलाइन पढ़ाई को अनवरत व सुचारू ढंग से जारी रखे हुए हैं। इन सबके अतिरिक्त अध्यापकों ने अपने खर्च से फैमिली आई.डी. बनाने का काम ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरह से लगभग 800 परिवार प्रति बी.एल.ओ. कर रहे हैं। लॉकडाऊन खुलने के साथ ही अभिभावकों के काम पर लौटने के कारण बच्चों को शिक्षण में अवरोध आने शुरू हो गए हैं। विदित हो कि शिक्षा विभाग वेकेशनल विभाग है। सेवा नियमावली, मनोवैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों के अनुसार वेकेशनल विभाग के कर्मचारियों व छात्रों को ग्रीष्म व शीतकालीन अवकाश दिए जाने आवश्यक हैं। वेकेशन विभाग के कर्मचारियों को पूर्ण सेवाकाल में केवल 10 अर्जित अवकाश प्रति वर्ष मिलते है जबकि अन्य कर्मचारियों को 15 से 30 अर्जित अवकाश सेवाकाल के आधार पर मिलते हैं।

इन नियमों को ताक पर रख वेकेशन के समय तथा कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के दौरान तुगलकी फरमान जारी करता है कि बिना छात्रों के 100 प्रतिशत अध्यापक विद्यालय में उपस्थित होकर पी.टी.एम. करेंगें। स्कूली छात्रों में ई-लर्निंग भी एक सीमा तक ही प्रभावी हो सकती है। बाद में इसके दुष्परिणाम शुरू हो जाते हैं। निदेशालय में शिक्षकों के लंबित मामले पदोन्नति, ए.सी.पी., चिकित्सा प्रतिपूर्ति को हल करने की बजाय अध्यापकों व छात्रों के उत्पीडऩ पर आमदा है। वहीं एक ओर सरकार ने महामारी की आड़ में 10 वर्षों से सेवारत 1983 शारीरिक शिक्षकों का रोजगार छीनकर घृणित कार्य किया है तो दूसरी ओर कर्मचारियों के आर्थिक हितों पर कुठाराघात कर रही है। जिसके विरोध में 19 जून को प्रस्तावित सर्व कर्मचारी संघ के धरने में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भागीदारी कर प्रदर्शन करेंगा।

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ मांग करता है कि विभाग शीघ्र ग्रीष्म कालीन अवकाश घोषित करे, अव्यवहरिक रैशनेलाइजेशन नीति वापस ले, 1983 पी.टी.आई. की सेवाएं बहाल करे, महंगाई भत्ता कटौती वापस लेने व एल.टी.सी. का बजट एवं उपरोक्त व्यक्तिगत व सामूहिक मामलों को वार्ता द्वारा 22 जून से पहले पूर्ण करे अन्यथा 24 जून को अध्यापक संघ शिक्षा मंत्री का विरोध स्वरूप पुतला दहन के साथ आंदोलन का शंखनाद करेगा जिसकी सारी जिम्मेवारी शिक्षा विभाग एवं प्रदेश सरकार होगी।

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