फतेहाबाद,
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चैयरमेन एवं उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने कहा है कि दूसरे राज्यों से फतेहाबाद जिला में आने वाले यात्रियों को अब डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट सरलहरियाणा डॉट जीओवी डॉट आईएन पर स्वयं पंजीकरण कर सूचना देनी होगी। बाहर से आने वाले यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना भी जरूरी होगा। जारी आदेशों में उपायुक्त ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़े। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अन्य राज्यों से ऐसे व्यक्ति जिनका ठहराव तीन दिन (72 घंटे) से अधिक रहा हो और वे प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते हैं, उन्हें पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने बताया कि इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार सजा हो सकती है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 तथा इस मामले में लागू अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा, ऐसे व्यक्तियों को इस पोर्टल पर अपना नाम, पता और मोबाइल नम्बर दर्ज करना होगा। परिवार को छोडक़र, कई पंजीकरणों के लिए एक ही मोबाइल नम्बर के प्रयोग की अनुमति नहीं होगी। कारोबारी आगंतुकों को अपना विवरण देना होगा और वापसी की तिथि बतानी होगी। इसके अलावा, उन्हें जिला में उन लोगों का नाम, मोबाइल नम्बर और पता भी दर्ज करवाना होगा, जिससे वे मिलना चाहते हैं। जिला में आने वाले आगंतुक अपने रिश्तेदारों और दोस्तों आदि के पास रूक सकते हैं। ऐसी स्थिति में आगंतुकों की मेजबानी करने वाले व्यक्ति को तत्काल उनके पहुंचने वाले दिन ही पोर्टल पर उनका विवरण दर्ज करवाना होगा।
डॉ बांगड़ ने बताया कि होटलों, अतिथि गृहों, कारपोरेट गेस्ट हाउसेज, सरकारी विश्राम गृहों और धर्मशालाओं आदि के प्रबन्धन द्वारा बाहर से आकर उनके पास ठहरने वाले नागरिकों का विवरण उनके पहुंचने के बाद तुरंत पोर्टल पर दर्ज करना होगा। पारगमन यात्रियों (ट्रांजिट ट्रैवलर्स) को वह पता मुहैया करवाना होगा जहां वे ठहरना चाहते हैं और जिला में एंट्री चैक पोस्ट का उल्लेख करना होगा। उन्हें अपनी और परिवार के सदस्यों की कोविड हिस्ट्री, यदि कोई है, का विवरण देना होगा। पंजीकरण की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें एक आईडी नम्बर मिलेगा, जिसका इस्तेमाल आवश्यकता पडऩे पर पंजीकरण प्रमाण के तौर पर किया जा सकता है। प्रवेश करने वाले व्यक्ति द्वारा कम्पेटिबल मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप इंस्टाल करने और इस पर अपना हैल्थ स्टेटस अपडेट करने का प्रमाण दिखाना होगा।
उपायुक्त ने बताया कि ऐसे लोगों की बॉर्डर चेक-पोस्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डïों पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसके अलावा, जिला, शहर या गांव, जैसा भी मामला हो, जहां वह व्यक्ति जाना चाहता है, के प्रवेश बिंदु पर भी इसी तरह स्वास्थ्य जांच की जाएगी। यदि किसी राज्य से आने वाले व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा पर रिपोर्ट करनी होगी और चिकित्सीय गंभीरता का आकलन करवाना होगा। यदि जांच के बाद वह पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे मामले की गंभीरता के आधार पर होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर या समर्पित कोविड अस्पताल में भेज दिया जाएगा। यदि वह नेगेटिव पाया जाता है तो आगे किसी भी तरह की जांच या सेल्फ आइसोलेशन की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि यदि नागरिक में कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उसे सात दिन तक स्वत: निगरानी रखनी होगी। इस दौरान उसमें कोई लक्षण पाया जाता है तो वे जिला निगरानी अधिकारी, नागरिक हस्पताल फतेहाबाद मोबाइल नंबर 8059735022, जिला नागरिक हस्पताल कंट्रोल रूम नंबर 01667-226024, 297291 और टोल फ्री नंबर 108 तथा हेल्पलाइन नंबर 8607775529 पर इसकी सूचना देनी होगी। यदि स्व-निगरानी के दौरान उनमें लक्षण दिखाई देते हैं तो जांच करवानी होगी और लक्षणयुक्त कोविड रोगियों के लिए निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा। कारोबार या व्यापार से जुड़ी गतिविधियों के लिए तीन दिन की अवधि के लिए हरियाणा आने वाले सभी व्यक्तियों तथा अपनी कार्यालय ड्यूटी या कारोबारी गतिविधियों के चलते दैनिक आधार पर हरियाणा आने वाले लोगों को भी ऊपर दिए गए क्वारंटीन नियमों की प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि इस अवधि के दौरान उनमें लक्षण दिखाई न दें।
उपायुक्त ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में दूरभाष नम्बर 100 या 01667-230010 पर पुलिस को सूचना देने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन, व्यापारिक प्रशासन, पार्षद, सरपंचों और पंचों की होगी। इसके अलावा, जनसाधारण और रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशंस को सलाह दी जाती है कि वे अपने पड़ोस में किसी व्यक्ति का पंजीकरण न होने की स्थिति में हेल्पलाइन नम्बर 100 पर पुलिस को सूचित करें। 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, सह-रुग्णता (मोरबिडिटीज) वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है, जब तक की उन्हें आवश्यक तथा स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों के लिए न निकलना पड़े।