फतेहाबाद,
हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दरें निर्धारित की हैं ताकि कोई अस्पताल कोरोना इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी वसूली न कर सके।
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि कोरोना को महामारी घोषित करने के बाद प्रदेश सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने तथा इलाज के नाम पर उनसे भारी-भरकम फीस वसूलने वाले प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए इलाज की दरें निर्धारित की हैं। उपायुक्त ने जिला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिला में निजी अस्पताल प्रदेश सरकार द्वारा तय की गई दरों पर कोरोना मरीजों का इलाज करें। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व तेलंगाना राज्यों द्वारा तय की गई दरों का अध्ययन करने के उपरांत हरियाणा सरकार ने भी राज्य में निजी अस्पतालों के लिए इलाज का खर्च निर्धारित किया है। इसके अंतर्गत राज्य में आइसोलेशन बेड से लेकर आईसीयू और वेंटीलेटर के अनुसार सरकार ने 8 हजार रुपये से 18 हजार रुपये तक सुविधा अनुसार प्रतिदिन की दरें निर्धारित की हैं।
उपायुक्त ने बताया कि नॉन एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल आइसोलेशन बेड के लिए प्रतिदिन अधिकतम 8 हजार रुपये, आईसीयू विदाउट वेंटीलेटर के लिए 13 हजार तथा वेंटीलेटर सहित आईसीयू के लिए 15 हजार रुपये ले सकते हैं। इसी प्रकार एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल आइसोलेशन बेड के लिए प्रतिदिन अधिकतम 10 हजार रुपये, आईसीयू विदाउट वेंटीलेटर के लिए 15 हजार तथा वेंटीलेटर सहित आईसीयू के लिए 18 हजार रुपये ले सकते हैं। इन दरों में कोरोना की जांच को छोडक़र सभी सुविधाएं भी शामिल हैं यानी अस्पताल संचालक मरीज से तय रेट और कोरोना की जांच के अलावा और किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों में योजना के लाभार्थियों का कैशलैस सुविधा के अंतर्गत इलाज किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना के अतिरिक्त किसी मरीज को यदि सिविल सर्जन द्वारा नोटिफाइड कोविड अस्पताल में रेफर किया जाता है तो उसका इलाज भी आयुष्मान भारत योजना के पैकेज रेट पर कैशलैस सुविधा के साथ किया जाना अनिवार्य है।