हिसार,
यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से श्वानों (कुत्तों) में ब्रेकीसिफेलिक सिंड्रोम पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। इंडियन सोसाइटी फॉर वेटरनरी सर्जरी एवं लुवास के ई-गवर्नेंस सैल के सहयोग से इस 10वें राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में श्वानों में ब्रेकीसिफेलिक सिंड्रोम के समग्र दृष्टिकोण पर चर्चा की गई। इस वेबिनार की मुख्य वक्ता डॉ. माला शम्मी प्राध्यापक शल्य चिकित्सा विभाग, मद्रास वेटरनरी कॉलेज, तनुवास (चेन्नई) रही।
श्वानों को मनुष्यों का सबसे प्रिय मित्र माना जाता है एवं साथी जानवर के रूप में पाला जाता है। श्वानों की विभिन्न प्रजातियां पाली जाती है जिसमें ब्रेकीसिफेलिक प्रजाति समान्यत है। ब्रेकीसिफेलिक प्रजाति के श्वानों में छोटा मुह होने की वजह से श्वशासन परेशानियाँ सामान्यता है जो उनके निदान एवं उपचार में देखी जाती है। डॉ. माला ने इस समस्याओं के निदान एवं उपचार पर प्रकाश डाला। इस वेबिनार को देश में विभिन्न पशुचिकित्सक, शल्यचिकित्सक एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया। डॉ. माला शमी ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे सवालों के जवाब भी दियें जिसका संचालान डॉ. नितिन भाटिया द्वारा किया गया।
लुवास के कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह, अधिष्ठाता डॉ. दिवाकर प्रकाश शर्मा, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने सभी आयोजकों की प्रशंसा की और कहा कि इस वेबिनार से पशुचिकित्सक एवं प्राइवेट प्रेक्टिसश्नर लाभान्वित हुए। डॉ. दीपक तिवारी (कोषाध्यक्ष,आईएमवीएस,) डॉ. नीरज अरोड़ा ( जोनल सेक्रेटरी, नार्थ जोन, आईएसवीएस), डॉ. दिव्येश केलावाला( जोनल सेक्रेटरी, नार्थ जोन, आईएसवीएस) डॉ. नीलेश सिन्धु (प्रभारी. ई. गवर्नेंस सैल), डॉ. नितिन भाटिया (इनटास एनीमल हेल्थ) एवं श्री साहिल ने वेबिनार संचालन में मुख्य भूमिका निभाई।