फतेहाबाद

लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करें विभाग : बांगड़

फतेहाबाद,
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने कहा है कि जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित विभाग बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करें। इसके अलावा इस अभियान से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी, कार्यकर्ता अपना दायित्व पूर्णरूप से निभाते हुए अपना अपेक्षित सहयोग इस अभियान में दें। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की गई थी।
उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने लॉकडाउन के दौरान नागरिकों को कोविड-19 के प्रति जागरूक किया है। इस दौरान आंगनवाड़ी वर्कर, हैल्पर द्वारा डोर-टू-डोर जाकर लोगों को मास्क भी वितरित किए गए व आरोग्य सेतू एप डाउनलोड करने बारे जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला में अब तक 38304 मास्क निशुल्क वितरित किए है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा 40244 नागरिकों को आरोग्य सेतू एप डाउनलोड करवाया गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला ने बताया कि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना चलाई जा रही है, जिसमें पहले बच्चे के जन्म पर सरकार द्वारा तीन आसान किश्तों में 5000 रुपये की राशि लाभार्थी को सीधे खाते में दी जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जिला में जून माह में 6 वर्ष तक के 40600 बच्चों व 11156 महिलाओं को पूरक पोषण आहार स्कीम के तहत राशन वितरिण किया जा चुका है। जून माह के दौरान ही आंगनवाड़ी केंद्रों में 2324 बच्चों को बीसीजी, 3792 बच्चों को डीपीटी व पोलियो तथा 3395 बच्चों को खसरा का टीकाकरण किया गया है।
आयुष विभाग ने अब तक 88 कंटेनमेंट जोन में 5919 इम्यून बूस्टिंग किट वितरित की
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ के दिशा निर्देशानुसार जिला में आयुष विभाग द्वारा जिला आयुष अधिकारी डॉ. धर्मपाल पूनिया के मार्गदर्शन में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। जिला आयुष अधिकारी ने बताया कि आयुष विभाग द्वारा जिला में अब तक 88 कंटेनमेंट जोन में 5919 इम्यून बूस्टिंग किट (जिसमें गुडुची घनवटी/संशमनी वटी व आयुष क्वाथ) बांटी जा चुकी है। इस कार्य में विभाग के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी व डिस्पैन्सर तत्परता से लगे हुए है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा आने वाले समय में जैसे ही नए कंटेनमेंट जोन बनाएं जाएंगे, वहां भी आयुष विभाग इम्यून बूस्टिंग किट वितरित करना जारी रखेगा।
उल्लेखनीय है कि आयुष विभाग ने लॉकडाउन के दौरान जिले में कार्य कर रहे कोविड वॉरियर्स यानि सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी व हैल्थ से जुड़े कर्मचारियों को भी इम्यून बूस्टिंग किट वितरित की गई थी। इसके अतिरिक्त गांव-गांव में प्रचार माध्यम द्वारा भी कोविड-19 के बारे में सामान्य व आयुर्वेदिक उपायों की जानकारी बारे प्रचार वाहन के माध्यम से जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जिन गांवों में राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय है वहां बुजुर्गों एवं ऐसी बीमारियों से ग्रस्त लोग जिनमें कोविड-19 के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधियां वितरित करने की योजना है।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2021 के लिए 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण, भारत सरकार की ओर से सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2021 के लिए आगामी 31 अगस्त 2020 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की है। उपायुक्त ने बताया कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति व संस्थाएं आगामी 31 अगस्त तक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट डीएमएडब्ल्यूएआरडीएस डॉट एनडीएमए डॉट जीओवी डॉट आइएन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस पुरस्कार के तहत विजेता संस्था को प्रमाण पत्र सहित 51 लाख रुपये व विजेता व्यक्ति को प्रमाण पत्र सहित 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए पात्रता निर्धारित की गई हैं, जिसके तहत केवल भारतीय नागरिक, भारतीय संस्थान, बिना भेद-भाव काम करने वाले वॉलिंटियर, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), कॉर्पोरेट संस्थाएं, रिसर्च संस्थान और कोई भी व्यक्ति जो डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए कार्य कर रहे हैं, वे सभी इन पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। डॉ. बांगड़ ने यह भी बताया कि विभिन्न आपदाएं हमारे जीवन, आजीविका और संपत्ति को प्रभावित करती हैं। आपदाओं से राष्ट्र भर में करुणा और निस्वार्थ सेवा की भावना जागृत होती है। आपदा के बाद हमारे समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आते हैं और आपदाओं से प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने की दिशा में काम करते हैं। ऐसे व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने की आवश्यकता है।

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