हिसार

एचएयू के 23 विद्यार्थी बने जिला उद्यान अधिकारी

कुलपति प्रो. समर सिंह ने बधाई देते हुए की उज्जवल भविष्य की कामना

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के एक साथ 23 विद्यार्थियों का चयन जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) के पद पर हुआ है। विश्वविद्यालय के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने विद्यार्थियों से मुलाकात कर उन्हे बधाई दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए बड़े गर्व की बात है कि एक साथ इतने विद्यार्थियों का राजपत्रित अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। इसके लिए उन्होंने विद्यार्थियों के कठिन परिश्रम व विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा दिया गया मार्गदर्शन व विद्यार्थियों का प्रयास निरंतर विश्वविद्यालय को नित्त नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
पूरे प्रदेश में 41, इनमें से अकेले एचएयू के 23, जिनमें अधिकतर छात्राएं
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस. के. सहरावत ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि ये उनकी मेहनत व लगन का ही परिणाम है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जिला उद्यान अधिकारी(डीएचओ) के 41 पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें से विश्वविद्यालय के 23 विद्यार्थियों का एक साथ इस पद के लिए चयन हुआ है। इन चयनित विद्यार्थियों में से अधिकतर छात्रांए शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी आईआरएमए में देश के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों से करीब 40 विद्यार्थियों का चयन हुआ था, जिसमें से अकेले हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 11 विद्यार्थी शामिल थे। इससे पहले भी विश्वविद्यालय के अनेक विद्यार्थी इसी प्रकार विभिन्न संस्थानों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
इन विद्यार्थियों का हुआ चयन
डा. सहरावत ने बताया कि जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) के पद पर चयनित होने वाले विद्यार्थियों में अनुराधा बिश्नोई, स्वीटी, नेहा यादव, रेनू यादव, रिंकू रानी, शिवानी कंबोज, पूनम सैनी, मनप्रीत कौर, सोनू यादव, पूजा ढांडा, हर्शिता मोर, हेमंत सैनी, निधि सहगल, संगीत, मनोज भानखड़, बिनीत यादव, संदीप नागर सहित 23 विद्यार्थी शामिल हैं। अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण अंचल से संबंध रखते हैं।
शिक्षकों के मार्गदर्शन का रहा विशेष योगदान
चयनित होने वाले अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं। मध्यमवर्गीय परिवारों से संबंध रखने वाले संसाधनों के अभाव में ऐसे विद्यार्थियों के लिए इस पद पर चयनित होने के लिए तैयारी करना बहुत ही कठिन था, लेकिन विश्वविद्यालय का नेहरू पुस्तकालय व शिक्षकों द्वारा दिया गया मार्गदर्शन बहुत ही काबिलेतारिफ रहा। कुलपति से मुलाकात के दौरान विद्यार्थियों ने बताया कि शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन, उनकी मेहनत व सकारात्मक माहौल का ही नतीजा है, जिसकी बदौलत वे इस मुकाम को हासिल कर पाए। इसके अलावा ऑनलाइन पढ़ाई व सीनियर साथियों के सहयोग व प्रेरणा ने भी इस दिशा में आगे बढऩे के लिए उत्साहित किया।

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