एचएयू में तीसरे विश्व सांख्यिकी दिवस का आयोजन
हिसार,
विश्वसनीय व उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले आंकड़े किसी भी शोध परिणाम की उपयोगिता के लिए सबसे पहली जरूरत है। सांख्यिकीय आंकलन किसी भी देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक पहलू है। इसके लिए हमें सांख्यिकीय क्षमता को मजबूत करने व नई प्रौद्योगिकी के विकास करने की आवश्यकता है।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने विश्वविद्यालय में मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के गणित एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित तीसरे विश्व सांख्यिकी दिवस पर वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे इस दिशा में ओर अधिक मेहनत व लगन से नई खोज करें ताकि विश्व स्तर पर डाटा का आदान-प्रदान कृषि शिक्षा, चिकित्सा विज्ञान, वाणिज्य और सामाजिक विज्ञान की खोजों के लिए किया जा सके।
पैनल डिस्कशन में आंकड़ा विश्लेषण पर हुआ मंथन
कार्यक्रम के दौरान विभाग की ओर से पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी.के. हुड्डा, शेर-ए-कश्मीर कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार शर्मा, केरल कृषि विश्वविद्यालय त्रिशूर के सह-प्राध्यापक डॉ. बी. जोशफ व जम्मू विश्वविद्यालय के डॉ. प्रमिल कुमार शामिल हुए। सभी वैज्ञानिकों ने डाटा की विश्वसनीयता और सांख्यिकी विश्लेषण के बारे में विस्तारपूर्व चर्चा की और कहा कि कोविड-19 महामारी की स्थिति और समस्या से निपटने के उपायों के लिए विश्वसनीय सांख्यिकी जानकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम के लिए 100 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया। विभागाध्यक्षा डॉ. मन्जू सिंह टोंक ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह, महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजवीर सिंह, वैज्ञानिकों एव सभी प्रतिभागियों का ऑनलाइन रूप से भाग लेने पर स्वागत किया।