हिसार

किसानों ने कालीरावण व सरसौद में रास्ते रोक कर सरकार को कोसा

केन्द्र सरकार पर लगाया किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप

हिसार,
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, दिल्ली के आह्वान पर किसान सभा ने किसान विरोधी काले कानूनों के विरोध में जिले में दो स्थानों कालीरावण व सरसौद गांव में रोड जाम किए। इस दौरान किसानों ने केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और भाजपा सरकार र किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया।
तय कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने कालीरावण व सरसौद में दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक रोड जाम किए। इस अवसर पर किसान नेताओं ने कहा कि हाल में केन्द्र सरकार प्रदूषण के नाम पर, पराली जलाने वाले किसान पर एक करोड़ के जुर्माना व पांच साल जेल करने का काला अध्यादेश लेकर आई है। सरकार सोच रही है कि किसान अब इस अध्यादेश का विरोध करना शुरू कर देंगे व तीन काले कानून भूल जाएंगे किन्तु किसान न तीन काले कानून भूलेंगे, न अपनी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग भूली है और न कर्ज मुक्ति की मांग भूले हैं। बिजली के निजीकरण के लिए ताकि किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती सब्सिडी की बिजली न देनी पड़े, के लिए बिजली एमेंडमेंट बिल 2020 का विरोध करना भी नहीं भूले हैं, किसानों को सब याद है और इन सबके लिए पूरे प्रदेश के किसान 9 नवम्बर को करनाल में मुख्यमंत्री के आवास को घेर कर चुनौती देंगे।
किसान सभा ने चेतावनी दी है कि किसान इन काले कानूनों को लागू नहीं करने देंगे। इसी संदर्भ में 26 व 27 नवम्बर को सारे देश का किसान दिल्ली को चारों तरफ से घेरेगा। इस दौरान मुख्य रूप से किसान सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी, जिला प्रधान शमशेर नम्बरदार व आदमपुर के कार्यकारी अध्यक्ष नरषोतम मेजर, सूबे सिंह बूरा, सतवीर सिंह धायल, हिसार तहसील के अध्यक्ष हनुमान जोहर, आदमपुर के भूप सिंह बिजारणिया, ओमप्रकाश लाडवी, ओम विष्णु बैनीवाल, सुरेश गोदारा, रघुवीर मंडेरणा, विनोद खिलेरी, कमलेश लुक्का, राजाराम ज्याणी, राजेश बिजारणिया, सतवीर डूडी, सतपाल श्योराण, किसान सभा उकलाना तहसील सचिव दयानंद ढुकिया सहित काफी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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Jeewan Aadhar Editor Desk