हिसार

एचएयू में गुलदाउदी फूलों की खरीदारी के लिए बढ़ रहा शहरवासियों का रूझान

15 जनवरी तक रहेगी जारी, विश्वविद्यालय का चार नंबर गेट भी खोला गया

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के चार नंबर गेट के नजदीक स्थित बोटेनिकल गार्डन में आम जन के लिए गुलदाउदी फूलों की विभिन्न किस्मों की बिक्री जारी है। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते प्रतिवर्ष की भांति गुलदाउदी फूलों की प्रदर्शनी का आयोजन नहीं किया जा सका लेकिन बावजूद इसके लोगों का रूझान कम नहीं हुआ है। प्रतिदिन कई लोग फूलों की किस्मों और उनसे संबंधित अन्य जानकारियों व खरीदारी के लिए यहां आ रहे हैं। मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ. रेनू मुंजाल ने बताया कि कोरोना महामारी की सभी हिदायतों का पालन करते हुए इन फूलों की बिक्री की जा रही है। लोगों को प्रतिवर्ष इस मौसम के फूलों की प्रदर्शनी का बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन इस बार परिस्थितियां अनुकूल न होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि गुलदाउदी की लगभग 10 प्रजातियों के अलावा विभिन्न किस्म के पौधों की बिक्री लोगों के रूझान को देखते हुए 15 जनवरी तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि गत दिनों इन फूलों की प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए विधायक डॉ. कमल गुप्ता की धर्मपत्नी डॉ. प्रतिमा गुप्ता ने दौरा कर यहां के मालियों द्वारा की गई मेहनत की सराहना की। विधायक की पत्नी ने कहा कि फूल मन का आनंदित कर देते हैं और मनुष्य के मन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। डॉ. रेनू मुंजाल ने बताया कि बोटेनिक्ल गार्डन 10.5 एकड़ में फैला हुआ है जिसमें लगभग 600 विविध प्रकार के पौधों की प्रजातियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी तक की जाने वाली बिक्री में गुलदाउदी की 10 प्रजातियों के अलावा कैक्टस व बोंसाई की विभिन्न प्रजातियां बिक्री के लिए प्रदर्शित की गई हैं। अब तक विभिन्न किस्मों की करीब 50 हजार रूपये से अधिक की बिक्री हो चुकी है।
एचएयू का चार नंबर गेट खुलने से बढ़ रही है संख्या
डॉ. रेनू मुंजाल के अनुसार नए साल से विश्वविद्यालय के गेट नंबर चार को सुबह साढ़े आठ बजे से सांय साढ़े पांच बजे तक खोल दिया गया है, जिसके चलते अब इस फूलों की प्रदर्शनी व खरीदारी के प्रति लोग अधिक संख्या में आ रहे हैं। विधायक की पत्नी के साथ बोटेनिक्ल गार्डन में मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजबीर सिंह, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. आशा क्वात्रा, डॉ. अरविंद मलिक व अन्य मौजूद थे।

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