सरकार बार-बार वार्ता की बात करके किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश में
हिसार,
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार व अन्य किसान नेताओं तथा हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व हरियाणा कॉन्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने किसान आंदोलन पर आगामी रणनीति के लिए बातचीत की। इस बैठक में आगामी आंदोलन की रणनीति पर विचार किया गया।
व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने इस अवसर पर केन्द्र सरकार से मांग की कि वह किसानों, आढ़तियों व आम जनता के हित में 8 जनवरी से पहले तीनों कृषि कानून तुरंत वापिस लें। यही नहीं, 8 जनवरी को किसान संस्थाओं से बातचीत करके चौथा कृषि कानून देश के किसान, आढ़ती व आम जनता के हित को ध्यान रखकर बनाएं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में भारी ठंड के कारण लगभग 60 किसान अपनी जान की कुर्बानी दे चुके हैं। सरकार बार-बार वार्ता की बात कह कर किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है जबकि कड़ाके की ठंड व बारिश में किसान 41 दिनों से सडक़ों पर बैठे हैं। भारी ठंड के कारण हर रोज किसानों की मौत हो रही है मगर केंद्र सरकार किसानों की समस्या का समाधान करने की बजाए आंख-मूंद कर किसानों के बलिदानों का तमाशा देख रही है। सरकार को मृतक किसानों के परिवारों को 50 लाख रुपए मुआवजा, एक सरकारी नौकरी व शहीद का दर्जा देना चाहिए।
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि जब तक तीन कृषि काले कानून केंद्र सरकार वापिस नहीं लेगी तब तक देश में हमारा आंदोलन जारी रहेगा और आंदोलन को और तेज किया जाएगा। तीन कृषि कानून से देश व प्रदेश का किसान बर्बाद हो जाएगा। सरकार बड़ी-बड़ी कंपनियों को किसान का हित बेचना चाहती है। कृषि कानून से किसान अपनी ही जमीन में मजदूर बनकर रह जाएगा। इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के उप प्रधान सूबे सिंह बूरा, मुख्य सलाहकार राजकुमार ठोलेदार, हिसार सचिव रमेश मिरकां आदि ने सुझाव रखे।