हिसार

न्यूट्रीगार्डन बनाकर तनाव से मुक्ति पा सकती महिलाएं : डॉ. संतोष

ग्रामीण महिलाओं के लिए तनाव मुक्ति के लिए गांव लुदास में कार्यशाला आयोजित

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय के मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग की ओर से गांव लुदास में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (गृह विज्ञान) के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य विषय ग्रामीण महिलाओं के लिए तनाव मुक्ति हेतु था। अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत ने गृह विज्ञान महाविद्यालय की रिसर्च टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधि आयोजित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन परियोजना की इंचार्ज सहायक वैज्ञानिक डॉ. पूनम मलिक ने किया। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढाण्डा ने बताया कि कोरोना महामारी के समय में महिलाओं पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़े हैं और ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और मनोवैज्ञानिक दबाव को कम करने के लिए इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन आवश्यक है। इस तरह के आयोजनों से महिलाएं अपनी सेहत के प्रति जागरूक होती हैं और अपने परिवार की भी देखभाल अच्छे से कर पाती हैं। सहायक वैज्ञानिक डॉ. संतोष ने महिलाओं को तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताय कि ग्रामीण महिलाओं पर घर का काम व खेती-बाड़ी तथा पशुओं की देखभाल की तिहरी जिम्मेदारी होती है। इसकी वजह से उन्हें स्वयं का ध्यान रखने का समय नहीं मिल पाता जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वे तनाव का शिकार हो जाती हैं। उन्होंने इसके उपाय के रूप में महिलाओं को न्यूट्रीगार्डन को अपनाने की सलाह दी । न्यूट्रीगार्डन में काम करने से मानसिक तनाव दूर होता है व इसमें अधिक समय नहीं लगता। महिलाएं घर में न्यूट्रीगार्डन बनाकर अपने व अपने परिवार के शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रकार की साग-सब्जियां उगा सकती हैं। इस प्रकार अलग-अलग साग-सब्जियों से बना भोजन संतुलित होता है और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इससे खर्च में बचत तो होती ही है साथ ही न्यूट्रीगार्डन में उगाई साग-सब्जियां बेचकर परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधारी जा सकती है। इस प्रकार की न्यूट्रीगार्डन को घर के आसपास पड़ी खाली जमीन, आंगन, छत या गमलों में विकसित किया जा सकता है। कार्यशाला में सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल की प्रशासक मीरा ने महिलाओं को क्रोध पर वश पाने के उपाय बताए और साथही बताया कि कैसे क्रोध मनुष्य के लिए स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। क्रोध से मन की शांति भंग हो जाती है और बुद्धि व विवेक काम करना बंद कर देते हैं । उन्होंने कहा कि क्रोध पर विजय पाने तथा मन की शांति प्राप्त करने के लिए स्वयं को याद दिलाना जरूरी है कि हम सब इस नश्वर शरीर में वास करने वाली शांत स्वरुप आत्मा हैं। उन्होंने महिलाओं को ध्यान लगाना भी सिखाया और इसको लेकर अपने अनुभव भी साझा किए। सेवानिवृत्त बाल विकास परियोजना अधिकारी सीमा ने भी महिलाओं को जागरूक किया। इस अवसर पर रिसर्च सहायक डॉ. अंजू अनेजा, डॉ. कैंडी तथा आंगनवाड़ी वर्कर मीनाक्षी सहित अनेक ग्रामीण महिलाएं मौजूद रही।

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