हिसार

शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ खंड स्तरीय प्रदर्शन से आंदोलन की शुरुआत करेगा अध्यापक संघ : सुरेंद्र सैनी

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की जिला स्तरीय बैठक में आंदोलन को लेकर रणनीति पर हुआ मंथन

हिसार,
सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के तत्वाधान में जिला हिसार के सक्रिय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की विस्तृत बैठक सर्व कर्मचारी संघ जिला में हिसार कार्यालय में जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन जिला सचिव पवन कुमार ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए राज्य वरिष्ठउप प्रधान जयबीर सिंह ने अनेकों विभागीय समस्याओं जैसे इंक्रीमेंट, प्रमोशन, एलटीसी, एसीपी, ऑनलाइन ट्रांसफर, ऐप के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता खराब होना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुधार, शिक्षा का निजीकरण, 1983 पीटीआई का समायोजन, 816 कला अध्यापकों व 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों की छंटनी, अध्यापकों पर जबरदस्ती गैर शैक्षणिक कार्य सौंपना, गरीब छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति कई वर्षों से उपलब्ध नहीं कराना, जेबीटी अध्यापकों के अंतर जिला स्थानांतरण का नहीं होना, प्री मैच्योर रिटायरमेंट, विभागों का विलय, पद्दोन्नति में परीक्षा, एल टी सी 2016-19 का बजट, महंगाई भत्ता बहाली आदि पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सलाहकार गजे सिंह भ्याण ने कहा कि करोना काल में वर्तमान केन्द्र व राज्य की सरकार ने तीन कृषि कानून, श्रम कानून मे बदलाव, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, बिजली बिल आदि के माध्यम से सरकारी विभागों को नीजि हाथों में सोपने की साजिश कर रही है और ज्यादातर सरकारी उपक्रमों जैसे रेल, बीएसएनएल, पैट्रोलियम कंपनी, आयुध के कारखाने अपने चहेते पूंजीपतियों को देने का काम कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी सार्वजनिक शिक्षा ढांचे को तबाही के रास्ते पर ले जाने की प्रक्रिया है जिसके खिलाफ तमाम अध्यापकों को एकजुट होकर आवाज बुलंद करने की जरूरत है।
जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने बताया कि हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की केंद्रीय कमेटी ने यह निर्णय लिया गया है कि 27 जनवरी से 28 फरवरी तक अध्यापक संघ खंड स्तरीय प्रदर्शन करेगा। उन्होंने बताया कि अध्यापक संघ सरकार से मांग करता है कि सरकार अध्यापकों के मांग पत्र पर बातचीत करके समस्याओं का निपटारा करे। अतिथि अध्यापकों को पूरा वेतन दे, शारीरिक शिक्षकों को विभाग में वापस लिया जाए, 816 कला अध्यापकों की नौकरी जारी रखने का प्रावधान किया जाए, सरकारी विभागों में एक जैसे पदों का रेशनालाईजेशन करके पदों को समाप्त करने और विभागों को सिकोडऩे की नीति पर रोक लगाई जाए।
बैठक में अलका, वेद प्रकाश बूरा, प्रमोद कुमार, कृष्ण यादव, बबीता, राजेंद्र नारनोंद, विरेन्द्र सिंह, राजेंद्र पुनिया, विनोद कुमार, कृष्ण भर्री, लोकनारायण, शमशेर सिंह, फकीर चंद, राजेंद्र कुमार, सुरेश कुमार, बाबूलाल व सत्यवान आदि पदाधिकारियों भाग लिया।

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