हिसार

वर्कशॉप में ई-रिसोर्स के भूत, वर्तमान और भविष्य पर हुए व्याख्यान

डिजिटाइजेशन का आधुनिक शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान विषय पर कार्यशाला

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की नेहरू लाइबे्ररी व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला के दूसरे दिन ई-रिसोर्स के भूत, वर्तमान और भविष्य को लेकर व्याख्यान हुए। कार्यशाला में देशभर से सभी कृषि विश्वविद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी एवं कृषि पुस्तकालयाध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। वर्कशॉप का मुख्य विषय डिजिटाइजेशन का आधुनिक शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। कार्यशाला के दूसरे सत्र में पुस्कालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने ई-रिसोर्स की उत्पति, उनके विकास एवं वर्तमान में उपलब्ध समस्त ई-रिसोर्स के स्वरूपों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के लिए उपयोगी ओपन एक्सिस फ्री ऑनलाइन सूचना स्त्रोतों के बारे में भी बताते हुए उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। साथ ही आह्वान किया कि वे यहां से अर्जित ज्ञान को अपने पुस्तकालयों में उपयोग करते हुए अपने संस्थान के शिक्षकों व विद्यार्थियों को अवगत करवाएं। डॉ. राजीव कुमार पटेरिया ने मेंडले रिफरेंस मैनेजर को लेकर अपना व्याख्यान देते हुए इसकी उपयोगिता और इसके प्रयोग करने के लिए तरीके पर भी लाइव डेमो प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने ई-रिसोर्स से संंबंधित प्रश्नोत्तर भी किए जिनका रिसोर्स वक्ताओं ने बखुबी जवाब दिए। गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय के सहायक पुस्कालयाध्यक्ष नरेंद्र राणा ने शोध नीति एवं प्लेजेरियम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के डॉ. निरमल कुमार ने शैक्षणिक शोध में उपयोग होने वाले समस्त प्लेजेरियम उपकरणों के बारे में चर्चा की। एनआईटी जालंधर के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. डीपी त्रिपाठी ने पुस्तकालयों के बदलते स्वरूप व नवीनतम तकनीकों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया। इस कार्यशाला की आयोजक डॉ. सीमा परमार ने बताया कि कार्यशाला में देशभर के सभी कृषि विश्वविद्यालयों के करीब 400 शिक्षक, विद्यार्थी एवं कृषि पुस्तकालयाध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। कार्यशाला में 3 तकनीकी सत्र रखे गए हैं जिसमें देशभर से 12 विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। वक्ताओं ने प्रतिभागियों को सूचना तकनीक संबंधी विभिन्न विषयों को लेकर जानकारी देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत किया।

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