हिसार

आदमपुर: तपोभूमि पर बना प्राचीन मंदिर, जहां होती है सभी मनोकामनाएं पूरी

आदमपुर,
आदमपुर स्थित टेल वाले कुटिया मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है। क्षेत्र के लोगों में इस मंदिर को लेकर काफी श्रद्धा है। सावन के महीने में यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव पूजा के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग पर लगातार 11 सोमवार जलाभिषेक करके बेलपत्र चढ़ाने से विवाह संबंधी सभी समस्याओं का निदान हो जाता है। इसके अलावा यहां रुद्रअभिषेक करवाने पर व्यक्ति के सारे कष्ट मिट जाते हैं।

मंदिर में कावड़ नहीं चढ़ाई जाती लेकिन हरिद्वार से लाया जल चढ़ाकर लोग अपनी मनोकामनाएं अवश्य शिवभोले से मांगते हैं। पुराने लोगों का कहना है कि यहां पर स्थापित हनुमान मंदिर में ध्वाजा चढ़ाने व नारियल बांधने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इस मंदिर में बड़ा पार्क बनाया गया है। पार्क में शिव परिवार की मूर्ति विराजमान है। यहां पर शमी, पीपल, केले सहित पवित्र पेड़—पौधे लगे हुए है।

आज से करीब 62 साल पहले आदमपुर के अंतिम छोर स्थित पानी के एक नाले की टेल पर एक संत गंगा बिशन आया और उसने उस स्थान पर कुटिया बनाकर तपस्या आरंभ की। करीब 4 साल तक उन्होंने वहां पर तपस्या की और फिर यहां मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ। क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी काशीराम महेश्वरी ने इसमें हनुमान ​मंदिर बनवाया। इसके बाद यहां शिव मंदिर, मां दुर्गा, राम दरबार, राधा कृष्ण और श्याम दरबार की स्थापना की गई। बाद यह टेल वाले कुटिया मंदिर के रुप में पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हुआ।

मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी हुई हर मुराद पूरी हो जाती है। संत गंगा बिशन की तप से यह भूमि पवित्र हुई। मंदिर के निर्माण के बाद यहां पर साधु—संतों के रुकने के लिए कमरों का निर्माण किया गया। यहां पर सभी जाति और धर्म के लोग आते हैं। रोजाना सुबह 5 बजे से 7 बजे तक और शाम 4 बजे से 8 बजे तक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

मंदिर के पुजारी भागीरथ का कहना है यह मंदिर तपोभूमि पर स्थित है। इसकी मान्यता दूर—दूर तक फैली है। आदमपुर से जो लोग विदेशों में चले गए है वे भी जब अपने शहर में आते है तो इस मंदिर में आना नहीं भूलते। मंदिर में सावन माह के अलावा भी शिव दर्शन के लिए श्रद्धालु आते रहते है। मंदिर में स्थित गीताभवन में बड़े—बड़े संत अकसर आते रहते हैं। यहां पर शिव कथा, राम कथा, भागवत कथा जैसे कार्यक्रम सालभर चलते रहते है।

मंदिर के प्रधान निरंजन बंसल का कहना है कि टेल वाला कुटिया मंदिर आदमपुर की पहचान हैं। यहां पर सालभर श्रद्धालुओं का आना रहता है। सावन ही नहीं यहां पर सालभर शिवभक्त आते हैं। इसीप्रकार यहां हनुमान भक्त और श्याम दिवाने आते हैं। सावन में रुद्राभिषेक चलता है तो पूर्णिमा पर हनुमान कीर्तन होता हैं। जन्माष्टमी पर दो दिनों तक झांकियां सजाई जाती हैं। इनका दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भीड़ आती हैं।

Related posts

केंद्र ने छोटे उद्योग बंद करके व छोटे व्यापारियों का व्यापार छीनने का काम किया : गर्ग

बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए डोर—टू डोर पहुंची महिला पुलिस

Jeewan Aadhar Editor Desk

सीसवाल में विधिवत रूप से गेहूं खरीद का कार्य शुरू