हिसार

38 वर्ष के ब्रह्मचारी दीक्षेंद्र आर्य ने ली संन्यास दीक्षा

वर्षों बाद देश के आर्य जगत को मिला एक युवा सन्यासी

हिसार,
वर्षों बाद देश के आर्य जगत में एक युवा सन्यासी का पदार्पण हुआ है। अजमेर सिंह से सन्यासी बने ब्रह्मचारी दीक्षेंद्र आर्य केवल 38 वर्ष की अल्पायु में आज अपने गुरु व विश्व के आर्य समाजों की सर्वोच्च संस्था सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी आर्यवेश से रोहतक स्थित टीटोली आश्रम में आर्य समाज के अनेक संन्यासियों, विद्वानों, देश की आर्यसमाजी संस्थाओं के सदस्यों एवं गणमान्य लोगों की भारी उपस्थिति में पूरी वैदिक रीति अनुसार विधिवत दीक्षा ग्रहण कर स्वामी आदित्य वेश बन गये।
सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद व आर्य समाज हिसार के प्रवक्ता सत्य पाल अग्रवाल ने बताया कि ब्रह्मचारी दीक्षेंद्र द्वारा स्वामी आदित्य वेश बनने से महर्षि दयानंद की विचारधारा ‘कृण्वंतो विश्वमार्यम’ को जन-जन तक पहुंचाने व मानव कल्याण के लिए सर्वस्व अर्पण करके कार्य कर रहे स्वामी आर्यवेश की अपने गुरु स्वामी अग्निवेश के स्वर्गवास के बाद आवश्यक एक विवेकी, पराक्रमी, ओजस्वी व ऊर्जावान संन्यासी साथी की तलाश पूरी हो गई है।
सत्यपाल अग्रवाल ने बताया कि इस संन्यास दीक्षा कार्यक्रम में आर्य समाज हिसार से प्रधान एवं पूर्व मंत्री हरिसिंह सैनी, कोषाध्यक्ष बजरंग लाल गोयल, उपप्रधान दलबीर आर्य, बलराज मलिक, सीताराम आर्य सहित अनेक सदस्य साक्षी बने और आशा प्रकट की कि स्वामी आर्यवेश व स्वामी आदित्यवेश के मार्गदर्शन में विश्व आर्य समाज वेद की ज्योति को ओर प्रखरता से जलते हुए दिन दोगनी-रात चौगुनी उन्नति की ओर अग्रसर होगा।

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Jeewan Aadhar Editor Desk