हिसार

प्रदेश में करोड़ों के पूंजी निवेश व लाखों रोजगार देने की घोषणा महज एक ढक़ोसला : गर्ग

सरकार श्वेत पत्र जारी करके बताए कि हरियाणा में कितने नए उद्योग लगे, कितने बंद हुए, कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया व कितने बेरोजगार हुए

हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा है कि प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश व पांच लाख बेरोजगारों को रोजगार देने की घोषणा महज एक ढक़ोसला है। उन्होंने कहा कि राज्स सरकार श्वेत पत्र जारी करके बताए कि हरियाणा में कितने उद्योग लगे, कितने बंद हुए, कितने बेरोजगारों को रोजगा मिला।
एक बयान में बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों व टैक्सों की दरें ज्यादा होने के कारण प्रदेश में लगातार व्यापार व उद्योग ठप हो रहे हैं। कुटीर लघु उद्योग लगभग 80 प्रतिशत बंद हो चुके हैं जिसके कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं मगर सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने की बजाए युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत रोजगार देने की बात करके युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर सरकार की नीयत बेरोजगारों को रोजगार देने की है तो सरकारी विभागों में जो हजारों पद खाली पड़े हैं, उन पर स्थाई भर्ती करें ताकि बेरोजगारों का शोषण ना हो। उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा में नए-नए उद्योग लगाने की बात कर रही है जबकि सरकार ने उद्योग व व्यापार के लिए 330 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में करके यह सिद्ध कर दिया है कि हरियाणा में जल्दी से कोई नए उद्योग आने वाले नहीं है। अगर सरकार किसी भी जिले में कोई भी इंडस्ट्रीज सेक्टर बनाती है तो 330 करोड़ रुपए तो लगभग एक या दो इंडस्ट्रीज सेक्टर में खर्च हो जाएंगे। जब सरकार उद्योगपतियों को फैक्ट्रियां लगाने के लिए सस्ती जमीन, बिजली के बिलों व उद्योगों में लगने वाली मशीनों पर सबसिडी व अन्य सुविधा नहीं देगी तो कौन उद्योगपति हरियाणा में उद्योग लगाने की गलती करेगा।
बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम में पिछले दिनों हैपनिंग हरियाणा मनाकर पड़ोसी राज्यों व विदेशों से उद्योगपतियों को बुलाकर करोड़ों रुपए खर्च किए थे। सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी किसी भी उद्योगपति ने हरियाणा में उद्योग स्थापित नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता का पैसा बर्बाद करने की बजाए बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कोई ठोस योजना तैयार करके व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए ताकि प्रदेश में नए-नए उद्योग स्थापित होने के साथ-साथ बंद पड़े उद्योग भी चालू हो सके।

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