हिसार

कोरोना से बचाव में औषधीय पौधों की भूमिका अहम : कुलपति समर सिंह

एचएयू में औषधीय पौधों की कोरोना में विशेष महत्ता को लेकर कार्यक्रम आयोजित

हिसार,
वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर फैली कोरोना महामारी से बचाव के लिए औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुसार इनका उपयोग करना चाहिए।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने कही। वे विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के सभागार में औषधीय संगध एवं क्षमतावान फसलों का फसल विविधिकरण एवं मानव स्वास्थ्य विषय को लेकर एक जागरूकता सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन कृषि महाविद्यालय के आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के औषधीय संगध एवं क्षमतावान फसल अनुभाग की ओर से आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि वर्तमान की विषम परिस्थितियों में औषधीय पौधों की वैश्विक स्तर पर बहुत अधिक महत्ता बढ़ रही है। इसलिए फसल विविधिकरण में भी औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे किसानों को आमदनी में भी इजाफा होता है और ये स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। इसलिए लोगों को प्राचीन आयुर्वेद पद्धति की ओर फिर से लौटना होगा। उन्होंने किसानों से भी गुणवत्तापूर्वक औषधीय पौधों की खेती को अपनाने का आह्वान किया, क्योंकि इनकी वैश्विक स्तर पर बहुत अधिक मांग है। ऐसा करने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी औषधीय फसलों और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय की स्थापना की है। इस दौरान कुलपति प्रोफसर समर सिह ने अनुभाग के वैज्ञानिकों द्वारा लिखी गई पुस्तक मेडिसनल गार्डन एट ए गलांस का भी विमोचन किया।
अपने घर में भी लगाएं औषधीय पौधे : डॉ. सुखवीर
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सामान्य अस्पताल हिसार से आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. सुखवीर वर्मा ने कहा कि हमारे जीवन में घर की रसोई से लेकर अन्य सभी जरूरत की जगहों पर आयुर्वेद का बहुत महत्व है। उन्होंने स्वास्थ्य रक्षा एवं रोगों के निदान में औषधीय जड़ी बुटियों के उपयोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने अपने घरों मेें तुलसी, एलोवीरा, अश्वगंधा, गिलोय जैसे औषधीय पौधे लगाने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बीआर कंबोज ने औषधीय पौधों को फसल विविधिकरण के रूप में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसान कम ऊपजाऊ व कम सिंचित क्षेत्रों में भी औषधीय पौधों की खेती को आसानी से कर सकते हैं। इस दौरान कैंपस स्कूल की छात्रा पूर्वा शर्मा ने औषधीय पौधों की उपयोग संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एके छाबड़ा ने सभी मुख्यातिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत करवाया। औषधीय संगध एवं क्षमतावान फसल अनुभाग के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवि कुमार ने किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ. राजेश कुमार आर्य, डॉ. झाबरमल सुतलिया एवं तकनीकी सहायक रामस्वरूप का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में कुलपति के ओएसडी डॉ. एमएस सिद्धपुरिया, गृहविज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा, मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजवीर सिंह, पुस्कालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह सहित विश्वविद्यालय के निदेशक, विभागाध्यक्ष एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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