हिसार

खुश रहने के लिए शांत, दयालु व बुद्धिमान रहिए : अग्रवाल

अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस पर प्रधानमंत्री से हैप्पीनेस या आत्मनिर्भर भारत निर्माण मंत्रालय बनाने की मांग

हिसार,
खुशहाल जीवन शैली पर कार्यरत संस्था डाक्टर नेक्स्ट हैप्पीनेस एंड वेलनेस काउंसलिंग रिसर्च सेंटर पर आज अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया गया। सेंटर के लाइफ़ काउंसलर व सजग के अध्यक्ष सत्यपाल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र में हैप्पीनेस या आत्मनिर्भर भारत निर्माण मंत्रालय बनाने की भी मांग की।
इस अवसर पर सत्यपाल अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के इतिहास व जीवन में खुश रहने के उपायों की जानकारी देते हुए कहा कि खुश होने के लिए एक दिन नहीं बल्कि हर दिन खुश रहने के लिए जीवन में खुशियों का स्वागत करने के लिए प्रयोग के तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भूटान के अनुरोध पर 12 जुलाई 2012 को एक संकल्प लिया। विश्वभर के लोगों के जीवन में खुशी और अभिलाषाओं पर आधारित इस संकल्प को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करते हुए 20 मार्च 2013 को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के रूप में मनाना घोषित किया गया जो पिछले आठ सालों से पूरे उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
सत्यपाल अग्रवाल ने बताया कि हर वर्ष एक विषय को रखकर मनाये जाने की परंपरा के अनुसार कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का विषय-शांत रहिए, दयालु रहिए और बुद्धिमान रहिए रखा गया है। उन्होंने विषय का अर्थ व खुशहाली के उपायों के तहत बताया कि यदि हम सभी के प्रति दया की प्रवृत्ति रखेंगे तो सब हमसे खुश रहेंगे, हम भी खुश रहेंगे। हमारे जो निर्णय वह बुद्धि का उपयोग करके लिए गए हो ताकि बाद में हमें निराश ने होना पड़े। जब से कोरोना ने दस्तक दी है, बहुत जरूरी हो गया है कि हम जीवन में धीरज रखें, शांत रहें, छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढना सीखें और अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस 2012 के विषय का अनुसरण करके खुश रहने का प्रयास करें।
सत्यपाल अग्रवाल ने कहा कि विश्व सहित अपने देश में भी पिछले कुछ वर्षों में लोगों के बीच खुशियों का स्तर घटता जा रहा है और मानसिक रोग, आत्महत्याओं का स्तर बढऩे लगा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क (यूएनएसडीएसएन) द्वारा जारी आठवीं विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट (वल्र्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2020) के अनुसार भारत 156 देशों की सूची में 144वें स्थान पर है। इसी के मद्देनजर उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भारतीय मंत्रीमंडल में हैप्पीनेस या आत्मनिर्भर भारत निर्माण मंत्रालय बनाने की मांग की है।

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