एचएयू में औषधीय पौधों को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के औषधीय सुगंध एवं क्षमतावान फसल अनुभाग की ओर से अनुसूचित जाति के प्रतिभागियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन आईसीएआर, डीएमएपीआर, आनंद के सहयोग से किया गया।
सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थान के सह-निदेशक डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण का समुचित लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि आज के कोरोना युग औषधीय पौधों का महत्व और अधिक बढ़ गया क्योंकि ये हमारी इम्युनिटी पावर को बढ़ाते है तथा रोगों के संक्रमण के खतरों को घटाते है। इसलिए कुछ जरूरी औषधीय पौधे हमें अपने घर आंगन, किचन गार्डन या गमलों में अवश्य लगाने चाहिए। अनुभाग के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार ने किसानों को औषधीय पौधों द्वारा कृषि विविधिकरण के महत्व को समझाया तथा कृषि प्रणाली में औषधीय पौधों को सम्मिलित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आमदनी में इजाफा हो सकता है। साथ ही उन्होंने अनुभाग की औषधीय वाटिका में उपलब्ध जड़ी-बूटियों व औषधीय पौधों की खेती संबंधी जानकारी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यशाला का संचालन करते हुए डॉ. राजेश कुमार आर्य ने सभी प्रतिभागियों व वक्ताओं का स्वागत किया। उन्होंने बताय कि इस कार्यशाला में विभिन्न गांवों के अनुसूचित जाति के 30 किसानों ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. गजराज सिंह दहिया ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. रवि कुमार बैनीवाल, डॉ. सोमबीर, डॉ. नरेन्द्र एवं डॉ. सुरेन्द्र व डॉ. झाबरमल सुतलिया मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, किट, औषधीय/बागवानी की समग्र सिफारिशों की पुस्तकें, औषधीय पौधे/कलम एवं लघु औजार वितरित किए।