हिसार

आशा वर्करों ने नारेबाजी करके उठाई मांगे व समस्याएं

सीएमओ को दिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक के नाम ज्ञापन

हिसार,
सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन ने अपनी मांगों के समर्थन में पंचकूला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में आशा वर्करों की मांगों व समस्याओं का समाधान तुरंत करवाने की मांग की गई है। इस मौके पर आशा वर्करों ने नागरिक अस्पताल में अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करके जोरशोर से अपनी आवाज उठाई।
आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान सीमा व जिला कैशियर अनिता ने बताया कि हिसार की सीएमओ को इस संबंध में निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि आशाओं के फोन में डाउनलोड करवाई जा रही एमडीएम सील्ड 360 ऐप तुरंत हटाई जाए क्योंकि इसके दुरूपयोग का खतरा है, सभी आशाओं के पहचान पत्र जारी किए जाएं क्योंकि इनके बिना उन्हें काम करने में दिक्कत आती है, आशाओं को मास्क व सेनेटाइजर दिए जाएं, बहुत सी पीएचसी पर तो उन्हें सुरक्षा के उपकरण मिले ही नहीं हैं, जहां मिले हैं, वहां बहुत कम मिले हैं, केवल 2—4 सर्जिकल मास्क वे पूरा माह काम करना संभव नहीं है, रिकार्ड चैक करने के नाम पर आशा वर्कर यूनियन अंबाला की जिला प्रधान अंजू को प्रताड़ित करने एवं दंडित करने की द्वेषपूर्ण कार्रवाई को आपकी ओर से दिए गए आश्वासन के अनुसार वापिस लिया जाए और अंजू की सेवाएं आशा वर्कर के रूप में जारी रखी जाए, कोविड के कारण मृत्यु हुई आशा वर्कर के परिवार को 50 लाख केन्द्र व 10 लाख हरियाणा सरकार मुआवजा दे, आठ एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत तुरंत लागू किया जाए, 10 हजार रुपये जोखिम भत्ता दिया जाए, कोविड के लिए दिए जा रहे एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का 50 प्रतिशत दिया जाए, आशाओं को ग्राम स्तरीय स्थाई कर्मचारी बनाया जाए, जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए, इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए और ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा दी जाए, आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए, 10वीं से कम पढ़ी हुई एवं 60 वर्ष की आशाओं को रिटायरमेंट के बेनिफिट दिये बिना छंटनी न ​की जाए, आशा पे—ऐप एवं आशा सर्वेक्षण ऐप की ट्रेनिंग बड़ी स्क्रीन पर दी जाए। इसके अलावा यह भी मांग की गई कि आशाओं को किसी भी काम के लिए दो—तीन ​पहले सूचित किया जाए, एकदम से किसी काम के लिए उपस्थित होने के लिए न कहा जाए, कई बार आशा अपनी डिलीवरी के साथ, एएनसी के साथ या फिर अपने किसी व्यक्तिगत काम से क्षेत्र से बाहर होती है तो उन्हें तुरंत उपस्थित होने के कहा जाता है, जो संभव नहीं है। इस संबंध में आशाओं को काफी समस्याएं आ रही है क्योंकि तुरंत ना पहुचने की स्थिति में आशाओं को हटाने की धमकी तक दे दी जाती है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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