हिसार

अनुसूचित जाति के पीडि़त परिवार के साथ भेदभाव कर रही पुलिस : संजय चौहान

एक माह बाद भी नहीं हुई हत्यारोपियों की गिरफ्तारी, आईजी ऑफिस का किया जाएगा घेराव

पीडि़त परिवार व सामाजिक संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी चेतावनी

हिसार,
सचिन मर्डर केस में एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है यहां तक कि पीडि़त परिवार के बयान तक दर्ज नहीं किए गए हैं। पुलिस इस मामले में जातिगत भेदभाव कर रही है। पीडि़त परिवार अनुसूचित जाति से है जिसके चलते उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। यदि एक सप्ताह में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती तो विभिन्न सामाजिक संगठनों को लेकर आई.जी. ऑफिस का घेराव किया जाएगा।
यह बात आज सचिन के पिता किशन लाल व जय भीम आर्मी के चेयरमैन संजय चौहान ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कही। संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अलग और बाकी जाति के लोगों के लिए अलग कानून है। अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है और उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती और उन्हें न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। मोहल्ला उदयपुरियान तेलियान पुल निवासी किशन लाल ने बताया कि गत 18 मई को उनका 22 वर्षीय लडक़ा सचिन सुबह साढ़े 6 बजे घर से यह कहकर निकला था कि वह अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जा रहा है, 8:45 पर मुझे मेरे लडक़े कपिल का फोन आया कि सचिन अपने दोस्तों के साथ नहर पर नहाने गया था जो मिल नहीं रहा है जिस पर वे अपने दोस्त प्रदीप सभ्रवाल के साथ आजाद नगर के साथ सिवानी फीडर नजदीक डाबड़ा मौके पर पहुंचे।
सचिन के पिता किशन लाल ने बताया कि वहां मौजूद लोगों से पता चला कि मेरे लडक़े सचिन के साथ वहां पर साऊथ सिटी सैक्टर 9-11 निवासी रणबीर मल्होत्रा पुत्र राजेश मल्होत्रा तथा सैक्टर-13 निवासी जयंत पुत्र अजय नहाने आए थे। करीब 8 बजे तक सुबह मेरे लडक़े सचिन की नहर में डूबने से बॉडी नहीं मिली फिर मेरे परिवार या रिश्तेदारों के साथ हमने सचिन को ग्रामवासियों डाबड़ा वालों के साथ खोजबीन की जिस पर शाम को 5 बजे मंगाली के पास नहर में मेरे लडक़े सचिन की बॉडी मिली जिसे हम हिसार के सरकारी अस्पताल लेकर आए जहां उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। किशनलाल ने आरोप लगाया कि उनके बेटे सचिन के शरीर पर दोनों हाथों, माथे व घुटनों पर चोट के निशान थे जिसके चलते उन्हें शक है कि किसी साजिश के तहत उनके बेटे को उसके दोस्तों रणबीर मल्होत्रा व जयंत जौहर ने नहर में डूबोकर हत्या की है। उन्होंने इस संबंध में गत 18 मई को आजाद नगर थाना में एफआईआर दर्ज करवाई थी लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस ने उनके बयान तक नहीं लिए हैं और न ही आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने मांग की कि डीएसपी जोगेंद्र शर्मा को इस केस से हटाया जाए और इसकी जांच स्वयं डीआईजी अपने हाथों में लें। संजय चौहान ने कहा कि यदि पुलिस ने एक सप्ताह में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो विभिन्न दलित संगठनों के साथ आई.जी. ऑफिस का घेराव करेंगे। अगर वहां कोई भी अनहोनी घटना घटती है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेवार होगा।

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