हिसार

कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने लोगों को निहत्था छोड़ अपना पल्ला झाड़ा : सुरेंद्रमान

सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने व इनको मजबूत करने की मांग मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

हिसार,
सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने व इनको मजबूत करने की मांग पर सर्व कर्मचारी संघ और जनस्वास्थ्य अभियान के प्रतिनिधिमंडल ने सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक प्रधान सुरेंद्रमान तथा जन स्वास्थ्य अभियान के जिला संयोजक डा. धर्म सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा।
सर्व कर्मचारी संघ ब्लॉक प्रधान सुरेंद्रमान व जन स्वास्थ्य अभियान के जिला संयोजक डा. धर्म सिंह ने बताया कि गत अप्रैल और मई माह में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में विकराल रूप धारण कर लिया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से कई दिनों तक चार लख से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे और कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या भी कई दिनों तक चार हजार से अधिक रही। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के समय में वैज्ञानिकों ने अनेक उपाय बताए थे, जिनको अपनाना बहुत ही जरूरी था, लेकिन अफसोस की बात है कि इन उपायों को खुद नीति निर्माताओं ने ही नहीं अपनाया। सरकार ने तो एक तरह से लोगों का निहत्था ही छोड़ दिया और अपना पल्ला झाड़ लिया था। उन्होंने कहा कि हमारा वर्तमान स्वास्थ्य ढांचा जब सामान्य अवस्था में ही सभी लोगों को सेवा देने में नाकाम साबित है तो ऐसे में कोरोना महामारी जैसी स्थिति में तो अति लाचार और बेबस होना ही था।
ज्ञापन में दोनों संगठनों ने मांग की कि कोविड टीकाकरण की गति को तेज करते हुए सभी नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण किया जाए, सभी संक्रमितों की जांच और ईलाज का खर्चा सरकार वहन करे, सभी गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर व मुफ्त दी जाएं, सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी निवेश को बढ़ाया जाए व विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाया जाए, स्वास्थ्य विभाग में ठेका प्रथा खत्म की जाए, सभी एनएचएम में अनुबंध कर्मियों, आऊटसोर्सिंग पॉलिसी में लगे ठेका कर्मचारियों व आशा वर्करों को नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जनस्वास्थ्य विभाग तथा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कार्य से ठेका प्रथा खत्म की जाए व इनके तहत कार्यरत कर्मचारियों को पक्का किया जाए, कोरोना प्रबंधन में शामिल तमाम स्वास्थ्य कर्मचारियों व कार्यकर्ताओं को सरकार की ओर से समुचित आर्थिक सहायता व बचाव के उपकरण उपलब्ध करवा कर पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए, बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से मेडिकल, पैरामेडिकल व सहायक स्टाफ के नए पद स्वीकृत करके नियमित भर्ती कर बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए, जिला अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की जाए, सार्वजनिक क्षेत्र की दवा कंपनियों को पुनर्जीवित किया जाए, कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए सभी आश्यक कदम शीघ्र उठाए जाएं, बीमारी, मृत्यु दर व टेस्टिंग के पारदर्शिता से विश्वनीय आंकड़ें जारी किए जाएं तथा स्वास्थ्य सेवाओं को मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाए आदि मांगें शामिल हैं। सुरेंद्र मान व डा. धर्म सिंह ने कहा कि यदि सरकार इसको गंभीरता से नहीं लेती है तो दोनों संगठन 21 से 24 जून तक कर्मचारियों और आम जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाएंगे तथा 25 जून को प्रदेश में सभी जिला उपायुक्त्स कार्यालयों पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेवारी सरकार की होगी।
प्रतिनिधिमंडल में सर्व कर्मचारी संघ के जिला कोषाध्यक्ष पवन कुमार, रणबीर रावत, रमेश चंद्र, कविता शर्मा, ओमप्रकाश माल, बिशन सिंह, विनोद प्रभाकर, लीलाराम, अभयराम फौजी, रमेश आहूजा, रामू शर्मा, पवन शर्मा, सुरेश लांबा, सुनील कांगड़ा व सुरेंद्र चहल आदि पदाधिकारी शामिल रहे।

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