हिसार

विश्व नशामुक्ति दिवस पर ऑनलाईन वेबिनार का आयोजन

हिसार,
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से विश्व नशामुक्ति दिवस के अवसर पर ऑनलाईन वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि एवं कुलसचिव प्रो. अविनाश वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डा. अनिल कुमार भानखड़ ने की।
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आज नशे का प्रभाव भारत में ही नहीं अपितु वैश्विक स्तर पर फैल रहा है। आज विश्व नशामुक्ति दिवस के अवसर पर हम सबको प्रण लेना होगा कि हम सबको मिलकर नशे को जड़ को उखाडऩा होगा। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि जो लोग नशे के शिकार हैं, उन्हें मनोविज्ञान चिकित्सा एवं मेडिकल इलाज के माध्यम से नशे से दूर कर सकते हैं। भारत को नशा मुक्त करने में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
कुलसचिव प्रो. अविनाश वर्मा ने कहा कि आज नशे का असर सबसे ज्यादा युवा वर्ग पर पड़ रहा है। कुछ लोग मानसिक स्थिति के कारण भी नशे के चपेट में आ जाते हैं। हम सबको नशे के दुष्प्रभाव की जानकारी लोगों को तक पहुंचानी होगी। उन्होंने कहा कि युवा देश की असली ताकत है। अगर युवा नशे चपेट में आकर अपने रास्ते से भटकेगा तो हम विकसित भारत की कल्पना नहीं कर सकते। कार्यक्रम के आयोजन पर उन्होंने एनएसएस टीम को शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पीजीआई चंडीगढ़ के मनोवैज्ञानिक डा. कृष्ण सोनी ने शिरकत की। डा. सोनी ने नशे के कारण, प्रकार, इलाज व लक्षणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा पदार्थ जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार में बदलाव लाए, वह नशा है। डा. सोनी ने बताया कि कुछ लोग मानसिक परिस्थितियों के कारण भी नशे की लत में लग जाते हैं और धीरे-धीरे नशा उनके दिमाग पर हावी होने लग जाता है जिसके बाद नशे के लक्षण उसके शरीर में देखे जाते हैं। इसी के साथ-साथ उन्होंने नशे के कारण जो शरीर में प्रभाव पड़ता है, बदलाव आते हैं, उन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नशे के सेवन के बाद आंखें लाल हो जाती है, खाने पीने की व्यवस्था में भी बदलाव आता है, शरीर का वजन घटने लग जाता है और मनुष्य अपने आप में कमजोरी महसूस करता है। इसके साथ ही उन्होंने नशे के कारण भी बताएं। उन्होंने कहा जैसे आज कोरोना का समय है। इस समय में बहुत से लोगों का रोजगार गया है, कुछ लोग उसके कारण नशे की शुरुआत करते हैं, तो वहीं कुछ लोग मानसिक संतुलन अच्छा ना होने के कारण, कुछ लोग रिश्ते टूट जाने के कारण और कुछ लोग सामाजिक प्रभाव के कारण भी नशे की आदत डालते हैं। उन्होंने नशीले पदार्थों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शराब, चरस, तंबाकू, गांजा और हालांकि खांसी की दवाइयों में भी अल्कोहल होता है, जिसका लगातार सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील भी की कि हम सब को नशे से दूर रहना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक भी करना है।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डा. अंजु गुप्ता एवं डा. विक्रमजीत ने किया। डा. अंजु गुप्ता ने अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता का अभिनंदन किया। धन्यवाद प्रस्ताव डा. विक्रमजीत सिंह ने किया। दोनों कार्यक्रम अधिकारियों ने विश्वास भी दिलाया कि वह स्वयंसेवकों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करेंगे। संयोजक डा. अनिल कुमार ने भविष्य में भी सामाजिक कार्यों के लिए युवाओं को आगे आने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि अगर भारत का प्रत्येक नौजवान यह प्रण लें कि हम सबको नशे से दूर रहना है तो वह दिन दूर नहीं जब हम यह बात कह सकें कि हमारा भारतवर्ष अब ‘नशा मुक्त भारत’ है। कार्यक्रम के संचालन में स्वयंसेवकों आरजू, अनिकेत, अमित कुमार, श्रद्धा, शायना व अभिषेक का विषेष योगदान रहा।

Related posts

कोरोना को हरा लौटा घर, पार्षद ने किया स्वागत

Jeewan Aadhar Editor Desk

निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर सेक्टर एसोसिएशनों ने रखी मांगें

प्रदीप बुधवार सर्वसम्मति से प्रदेशाध्यक्ष व प्रदीप रोहिल्ला महासचिव निर्वाचित