हिसार

आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने की सोशल मीडिया पर धूम, साइट पर नहीं हुआ नोटिफिकेशन अपडेट

आदमपुर,
आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने का मैसेज मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर धूम मचाता रहा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आपस में एक—दूसरे को लड्डू भी खिलाएं। लेकिन सोशल मीडिया वाला लेटर शाम तक सरकारी साइट पर अपलोड नहीं हुआ और अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की। अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी तक इसकी विभागीय जानकारी नहीं आई है। जब तक उनके पास इस बारे मेल नहीं आ जाती—वे इस बारे में कुछ नहीं बोल सकते। लेकिन आज नहीं तो कल आदमपुर का नगर पालिका बनना तय है, क्योंकि इसकी घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की थी और वे इस कार्य में स्वयं समय—समय पर अपडेट ले रहे हैं —ऐसे में नोटिफिकेशन का इंतजार केवल औपचारिकताभर है।

कैसे आरंभ हुआ नगरपालिका का सफर
आदमपुर को उपमंडल बनाने का सफर 1991 में आरंभ हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ.भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दिया था। उसके बाद 1996 में हविपा—भाजपा सरकार बनी। गठबंधन के मुख्यमंत्री चौ.बंशीलाल ने तोशाम व आदमपुर का उपमंडल का दर्जा समाप्त कर दिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री पद पर आसीन होते ही तोशाम व आदमपुर को फिर से उपमंडल का दर्जा दे डाला। उन्होंने इसे विधानसभा में भी पारित करवा दिया। लेकिन सत्ता परिवर्तन हुआ और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। इसके बाद ये मामला ठंड़ा बस्ते में रहा।

चौ.भजनलाल द्वारा लगाया गया नींव का पत्थर गायब।

नींव का पत्थर ले गए चोर
1991 में आदमपुर को उपमंडल का दर्जा देने के बाद चौ.भजनलाल ने यहां प्रशासनिक भवन बनाने के लिए जमीन भी हुडा विभाग से ले ली थी। तहसील परिसर व खंड विकास कार्यालय के बीच ली गई इस जमीन पर बकायदा प्रशासनिक भवन के शिलान्यास का पत्थर भी लगाया गया था। समय बीतता गया लेकिन बाद की सरकारों ने इस पूरे मामले को लटका दिया। इसके चलते शिलान्यास का पत्थर भी यहां से गायब हो गया। अब इस जमीन पर गडरिया—लुहार बस्ती बनी हुई है।
सीएम मनोहर ने दोबारा जगाई उम्मीद
मनोहर लाल खट्टर ने पहली बार सीएम बनने के बाद 2018 में सदलपुर में जलपान कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने आदमपुर को नगरपालिका बनाने की मांग को स्वीकार करते हुए भाजपा नेता मुनीश ऐलावादी विशेष निर्देश देते हुए सभी पंचायतों से बात करने की जिम्मेवारी सौंपी थी। तब से मुनीश ऐलावादी निरंतर इस बारे में सीएम को अपडेट देते रहे। बाद में विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा उठा तो भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट ने इस पर ध्यान देना आरंभ किया। चुनाव हारने के बाद वो आदमपुर में ज्यादा सक्रिय हो गई। नगरपालिका बनाने के लिए उन्होंने प्रयास को और अधिक तेज कर दिए। वहीं जजपा से चुनाव लड़े रमेश गोदारा ने डिप्टी सीएम के दरबार में कई बार आदमपुर को नगरपालिका बनाने की अर्जी लगाई।
सीएम ने क्या कहा था
2018 में सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि नगर पालिका स्थानीय स्तर पर विकास की गतिविधियों का संचालन करने में काफी सहायक सिद्ध होती है। इससे क्षेत्र का विकास तेज गति से होता है। यदि मंडी आदमपुर, आदमपुर व जवाहर नगर की पंचायत लिखकर देती है तो वे तुरंत आदमपुर को नगरपालिका बना देंगे। सीएम ने कहा—’वे आज से मुनीश ऐलावादी की ड्यूटी लगा रहे है कि वे तीनों पंचायतों से बातचीत शुरु करे और उन्हें समझाकर इस कार्य के लिए राजी करे। उन्होंने मुनीश ऐलावादी को निर्देश देते हुए कहा था ‘इस कार्य में समय चाहे कितना भी लगे—लेकिन पंचायतों को समझा कर राजी करना है, किसी दवाब से नहीं।’
सोशल ​मीडिया के नोटिफिकेशन पर बंटे लड्डू
सोशल मीडिया पर आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने का नोटिफिकेशन फैलते ही भाजपा कार्यकर्ताओं में श्रेय लेने की होड मच गई। लोकनिर्माण विश्राम गृह में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक—दूसरे को लड्डू खिलाकर बधाई दी। वहीं सोशल मीडिया पर इस बारे में दिनभर तरह—तरह की चर्चाएं भी चलती रही।

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