हर यादगार दिन को रक्तदान करके मनाता है हिसार का यह दंपति
मुहिम से अब तक जुड़ चुके अनेक लोग
हिसार,
हर इंसान सोचता है कि वो समाज के कल्याण के लिए कुछ योगदान दे, कुछ योगदान बिना अमीरी गरीबी भी किये जा सकते हैं, जो समाज की भलाई हर किसी को जरूरत के समय काम आ सके, उससे अच्छा पुण्य व समाज कल्याण का काम नहीं हो सकता।
इसी सोच को चरितार्थ करते हुए मिलन फाऊंडेशन की अध्यक्ष व योग शिक्षिका अमरजीत कौर ने अपने पति बलकार सिंह पूनिया के साथ मिलकर अपनी पुत्री सानवी सिंह के 11वें जन्मदिन पर 21वीं बार रक्तदान किया। अमरजीत कौर ने बताया की बिटिया सानवी सिंह के जन्मदिन को पूरे दिन प्लान के तहत मनाया गया और हर काम में सोचा गया कि मानव व समाज कल्याण सर्वपर्थम हो। इसके लिए सुबह अच्छे स्वास्थ्य के लिए ऑनलाइन योग करवाया, फिर मानव कल्याण के लिए हवन यज्ञ किया और इसके बाद भोजन करने के बाद अंजान लोगों को जीवन देने का पुण्य का कार्य सोचते हुए हिसार के सरकारी हस्पताल में एक साथ 21वीं बार रक्तदान किया। पर्यावरण सरंक्षण को ध्यान मे रखते हुए महिला महाविधालय व गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के साथ सडक़ के किनारे गिलोय की बेल के 50 पौधे रोपित किये गए ताकि हर किसी को गिलोय आसानी से मिल सके और लोगों के लिए इम्युनिटी बुस्टर का काम कर सके।
अमरजीत कौर ने बताया कि उनका उद्धेश्य समाज कल्याण का कार्य करना है। अमरजीत कौर के अनुसार उन्होंने 10 साल पहले अपने बच्चों के या स्वयं के जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ व किसी यादगार दिन को ध्यान में रखते हुए रक्तदान अभियान एक मुहिम चलाई थी। आज 100 से अधिक लोग इस मुहिम से जुड़े हुए है, जो विभिन्न अवसरों पर परिवार के लोगों के साथ नियमित रुपये से एक साथ रक्तदान करते है। वे रक्तदान को सबसे बड़ा पुण्य मानते है, क्योंकि इससे अंजान इंसान की जिंदगी बचती है, किसी के पिता व किसी की मां व किसी के बेटी व बेटे को जीवनदान मिलता है। हर व्यक्ति को जीवन मे एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए।
अमरजीत कौर का मानना है कि भलाई का कार्य ऐसे करें ताकि उसका लाभ समाज के हर वर्ग को निस्वार्थ भाव से हो सके। रक्त की पूर्ति केवल मानव के दान करने से ही की जा सकती है, अभी तक इसका कोई विकल्प नहीं बना है। अमरजीत कौर को सामाजिक कार्य के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्यपाल व जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। अमरजीत कौर योग विषय व सामाजिक कार्य विषय में स्नातकोत्तर डिग्री धारक है।