चंड़ीगढ़,
मानसून सत्र के पहले दिन सरकार की तरफ से सदन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जवाब दिया कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है। हालांकि कोरोना के कारण प्रदेश में 24 मार्च 20 से 31 जुलाई 21 तक 9635 मरीजों की मौत हुई है, लेकिन इनमें से किसी भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई। दूसरी तरफ हिसार के सोनी बर्न अस्पताल में 25 अप्रैल की रात को ऑक्सीजन की कमी के कारण पांच मरीजों की मौत हुई थी। इस प्रकारण पर प्रशासन की तरफ से की गई जांच में निजी अस्पताल को दोषी ठहराया गया है। उसका कारण बताया गया है कि अस्पताल में संसाधनों की कमी के बावजूद ज्यादा संख्या में मरीजों को दाखिल किया गया था। अस्पताल के पास प्रर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर ही नहीं थे।
हालांकि जांच रिपोर्ट में इस बात का भी स्पष्ट तौर पर जिक्र है कि हिसार व आसपास के जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला मुख्य गुप्ता ऑक्सीजन प्लांट घटना की रात को 12 बजे से 4 बजे तक तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गया था। यहां से सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई थी। प्लांट से आपूर्ति सुबह 4 बजे शुरू हो पाई थी। सोनी बर्न अस्पताल में मरीजों की मौत भी इन्ही चार घंटों के दौरान हुई थी। ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में बरवाला के गांव खानबहादुर वासी राजेश्वर सिंह, पंजाब के मानसा वासी अरविंद शर्मा, उकलाना वासी राजा राम, दिल्ली नांगलोई वासी अनिल कुमार, आदमपुर के भाणा गांव वासी सतेंद्र सिंह की मौत हुई थी।