हिसार,
एक युवक ने स्वयं को हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बताते हुए बिजली निगम के एमडी को फोन करके नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के दोषी को नौकरी पर बहाल करने के लिए आदेश दिया। एमडी को जब इस मामले पर शक हुआ तो पुलिस को शिकायत दी। निगम के एमडी बलकार सिंह की शिकायत के आधार पर चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया गया है।
बिजली निगम के एमडी बलकार सिंह के अनुसार 10 अगस्त को उनके पास किसी रविंद्र शर्मा का फोन आया, जिसने खुद को चीफ जस्टिस का विशेष सचिव बताया। इसके बाद फोन करने वाले ने उनसे कहा कि चीफ जस्टिस उनसे बात करेंगे और फोन किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया। दूसरे व्यक्ति ने खुद को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बताते हुए उनसे कहा कि बिजली निगम के असिस्टेंट लाइनमैन के पद से बर्खास्त बलवान सिंह को पद पर बहाल कर दिया जाए। बलकार सिंह के अनुसार हाईकोर्ट के जज द्वारा इस तरह के आदेश देने के तरीके पर उनको शक हुआ तो पूरे मामले की जानकारी पुलिस को भेजी गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच डीएसपी द्वारा की गई। जांच में सामने आया कि फतेहाबाद के मेहूवाला वासी बलवान सिंह बिजली निगम में असिस्टेंट लाइनमैन के पद पर भट्टू में कार्यरत था। बलवान सिंह के खिलाफ मार्च 2013 में नाबालिग के साथ छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था व कोर्ट ने बलवान सिंह को 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस केस के बाद बलवान सिंह को निगम ने पद से बर्खास्त कर दिया था। 8 महीने की सजा काटने के बाद बलवान सिंह हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ और अपनी नौकरी बहाली के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट की तरफ से याचिका पर देरी से सुनवाई होते देख बलवान सिंह ने अपने किसी जानकार की मदद लेकर एमडी के पास फर्जी हाईकोर्ट जज का फोन करवाया था। इस मामले में रविन्द्र जांगडा वासी गांव चुली खुर्द, अवतार सिंह वासी कैथल व बलराज सिंह वासी हिसार ने उसका साथ दिया है। कैथल वासी अवतार सिंह ने खुद को जज बताते हुए एमडी के पास फोन किया था।