सरकारी कार्यालयों में जनकार्यो पर निगरानी के लिए ऑटो अपील सॉफटवेयर लॉन्च
हिसार,
मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने कहा है कि जनकार्यों के समयबद्घ निपटान की दिशा में विभागों की कार्यप्रणाली पर निगरानी के लिए लॉन्च किया गया ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (आस) सुशासन की अवधारणा को पूर्ण रूप से सार्थक करेगा। उन्होंने कहा कि इस सॉफटवेयर के क्रियांवित होने से आमजन को विभिन्न विभागों से जुडी सेवाओं तथा योजनाओं का लाभ सेवा का अधिकार अधिनियम में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप मिलेगा।
बुधवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सरकारी विभागों के कार्यालयों में जन कार्यों पर निगरानी रखने के लिए ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (आस) के लोकार्पण अवसर पर मंडलायुक्त ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सॉफटवेयर के माध्यम से आशा से उन्मुक्ति की ओर एक सकारात्त्मक कदम बढाया है। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम-2014 के तहत इस सॉफ्टवेयर को लॉन्च किया गया है, इसलिए जिले के सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित कर लें कि आवेदन करने वाले नागरिकों तक सेवाओं तथा योजनाओं का लाभ तय समय अवधि में दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही या ढिलाई बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की जवाबदेही को तय किया गया है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सॉफ्टवेयर के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम एवं वीसी के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी कार्यालयों में प्रत्येक काम के लिए कार्य दिवस व घंटे निर्धारित किए गए हैं। आस सॉफ्टवेयर आम नागरिकों के कार्यों पर निगरानी रखेगा कि वे समय पर पूरेे किए जा रहे है या नहीं। अब लोगों को अपने कार्य करवाने के लिए अब कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी ने कार्य करने में निर्धारित समयावद्घि से अधिक वक्त लिया, तो उसके विरूद्घ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
सेवा आयोग के अध्यक्ष टीसी गुप्ता ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति का काम सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है और कर्मचारी या अधिकारी समय पर पूरा नहीं करता है, तो उसका आवेदन ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के तहत अपीलेंट ऑथोरिटी में चला जाएगा। उन्होंने बताया कि वहां भी अगर कार्य नहीं होता है, तो आवेदन कमीशन के पास आ जाएगा। कमीशन द्वारा संबंधित कर्मचारियों एव अधिकारियों से इस बारे में जवाब मांगा जाएगा। कर्मचारी या अधिकारी की तीन बार लापरवाही मिलने पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ उस पर विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी। इस अवसर पर डीआईओ एमपी कुलश्रेष्ठï, एडीआईओ अखिलेश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।