एचएयू के सायना नेहवाल संस्थान में विभिन्न प्रशिक्षणों के समापन अवसर पर सामग्री वितरण समारोह आयोजित
हिसार,
महिलाओं को स्वयं को किसी से भी कमतर नहीं आंकना चाहिए। उन्हें मजबूत होकर जीवन के फैसले लेते हुए आगे बढऩा चाहिए। आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित करते हुए आगे बढ़ रही हैं।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की धर्मपत्नी एवं विश्वविद्यालय की प्रथम महिला संतोष कुमारी ने कही। वे एचएयू के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में आयोजित प्रतिभागी सहायता वितरण सामग्री समारोह को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों की आजीविका उत्थान योजना के तहत किया गया था। मुख्य अतिथि ने कहा कि एचएयू में ग्रामीण अंचल की महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाता है। यहां से प्रशिक्षण हासिल कर महिलाएं न केवल स्वरोजगार स्थापित कर सकती हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकती हैं। यहां प्रशिक्षण में सीखी गई बारिकियां आपने जीवन को एक नई दिशा देने वाली होनी चाहिए। इसके लिए आप स्वयं जागरूक होते हुए अन्य महिलाओं को भी जागरूक करें। अपने व्यवसाय को बड़े पैमाने पर स्थापित करने के लिए महिलाएं समूह बनाकर भी कार्य कर सकती हैं और स्वयं को एक ब्रांड के रूप में स्थापित कर सकती हैं। सिलाई, कढ़ाई, खाद्य पदार्थों के मूल्य संवर्धन जैसे कार्यों में बाजार में बहुत अधिक डिमांड बनी रहती है। इसलिए इन सभी में पारंगत होकर महिलाएं बहुत अच्छे से रोजगार स्थापित कर सकती हैं और अपनी आमदनी में इजाफा कर सकती हैं। विश्वविद्यालय से जुडक़र यहां बेरोजगार युवक-युवतियों, महिलाओं, किसानों आदि वर्गों के लिए आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षणों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर उसका लाभ उठाएं। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले उम्मीदवार विश्वविद्यालय की ओर से दिए जाने वाले प्रशिक्षणों व अन्य आधुनिक जानकारियों को अन्य लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बनें और अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें ताकि वे भी इन प्रशिक्षणों का लाभ उठा सकें।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने बताया कि एचएयू के सायना नेहवाल संस्थान से विभिन्न प्रशिक्षण हासिल करने के उपरांत लोग स्वरोजगार स्थापित कर अपनी आजीविका चला रहे हैं और अन्य लोगों को भी इनके प्रति प्रेरित कर रहे हैं। संस्थान में मधुमक्खी पालन, बागवानी, नर्सरी, जैविक खेती, डेयरी फार्मिंग, मशरूम उत्पादन, सिलाई-कढ़ाई, खाद्य पदार्थों के मूल्य संवर्धन सहित विभिन्न प्रकार के रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं जो निशुल्क हैं। इस अवसर पर संस्थान के सह-निदेशक डॉ. अशोक गोदारा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया जबकि डॉ. डी.के. शर्मा ने धन्यवाद किया। डॉ. भूपेंद्र ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. देवेंद्र, एसवीसी कपिल अरोड़ा सहित संस्थान के अन्य वैज्ञानिक व प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।