हिसार

आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन का धरना लगातार जारी

केन्द्र बंद करके किया संघर्ष तेज करने का ऐलान

हिसार,
हरियाणा सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर एक निजी एनजीओ को सोंपे जाने के विरोध में आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन-1442 का लघु सचिवालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है। यूनियन ने आंगनबाड़ी केंद्र बंद करके संघर्ष तेज कर दिया है।
आज के धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता आंगनबाड़ी वर्कर कमलेश बूरा ने की जबकि संचालन मनतारी व अंजना शर्मा ने किया। धरने में आज जिला की हिसार अर्बन से निशा, मीरा, सोमवती, सुशीला, हिसार-2 से नीतू, सुनीता, नीलम, मीना, संतोष, हिसार-1 से कमलेश, राजबाला, पूनम, संतोष, सुदेश, सुनीता, ज्योति, ममता, पुष्पा, किरण, बरवाला ब्लॉक से गुड्डी, सरस्वती, दर्शना, बीरमति, नन्ही, राजरानी, बीरमती, मुकेश, कृष्णा खरक पूनिया, बबीता सरसाना व सरोजनी गंगवा आदि हेल्पर व वर्कर भारी संख्या में मौजूद रहीं।
धरने को संबोधित करते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर एक निजी एनजीओ को सोंपे जाने के जन विरोधी कदम का हम कड़ा विरोध करते हैं। हम बहनें एनजीओ को कोई रिपोर्ट नहीं देंगी। हमने विरोधस्वरूप आंगनवाड़ी केंद्रों में सरकार के इस जन विरोधी कदम के खिलाफ ताले लगा दिये हैं और ये ताले तब खुलेंगे जब हरियाणा सरकार और महिला एवं बाल विभाग की मंत्री आंदोलनकारी आंगनबाड़ी वर्कर्स का दमन बंद करेगी, टर्मिनेट की गई यूनियन नेता कमला दयोरा को बहाल करेगी व रंजिशन बनाए गए झूठे मुकदमें ख़ारिज करेगी। साथ ही उन्होंने मांग दोहराई की आंगनबाड़ी केंद्रों को निजी एनजीओ को सोंपने का फैसला वापिस लिया जाए, आंगनबाड़ी वक्रर और हेल्पर को सरकारी श्रमिक का दर्जा दिया जाए, वेतन आयोग के अनुसार वेतन-भत्ते और अन्य सुविधाएं दिए जाएं तथा रिटायर होने पर पेंशन व मेडिकल सुविधाएं दी जाए।
यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो हम सरकार के साथ आरपार की लड़ाई को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एक जिले में 8 या 9 ब्लॉक होते है, एक ब्लॉक पर 125 से 150 तक आंगनवाड़ी, ब्लॉक पर 5-6 सर्कल और एक सर्कल में 25 से 30 आंगनवाड़ी होती है। हमें अपने विभाग द्वारा जो लाभपात्रों को राशन दिया जाता है उसकी सप्लाई सर्कल में एक आगनवाड़ी में डाल दी जाती हैं लेकिन विभागीय आदेश के अनुसार सप्लाई हर सेंटर पर होनी चाहिए जिसका बजट ये खुद ठेकेदार व अफसर मिलकर गबन कर जाते हैं। आंगनवाड़ी वर्करों को बोला जाता है कि हमे सप्लाई का बजट नहीं मिलता, फिर वह सप्लाई वर्कर या हेल्पर द्वारा उठाई जाती हैं, वह सप्लाई कोई रिक्शा या ऑटो द्वारा उठवाते हैं जिसका किराया 150 से 250 रुपए तक लेते हैं जो हम गरीब वर्कर हेल्पर द्वारा दिया जाता है। अगर हम वह सप्लाई समय पर ना उठाएं तो हमें धमकी दी जाती है कि अगर सप्लाई नहीं उठाई तो आपकी अनुपस्थिति लगेगी और दबाव में आकर हम यह कार्य करने को मजबूर है। यही नहीं, यदि सप्लाई ना उठाए तो हमारा मानदेय काट लिया जाता है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी में अधिकतर विधवा या गरीब महिलाएं लगी हुई है। हमारे बार-बार लिखित में देने के बावजूद भी हमारा अफसरों द्वारा शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धरना, प्रदर्शन करना उनका शौक नहीं बल्कि वे मजबूर होकर धरने पर बैठी हैं। यूनियन नेताओं ने प्रदेश की समस्त आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर से अपील की वे सब भेदभाव छोडक़र आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लें और मौजूदा जनविरोधी व मजदूर कर्मचारी विरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करें।

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